Edited By Shubham Anand,Updated: 08 Aug, 2025 03:31 PM

क्या अपने ही देश में पारंपरिक पहनावा पहनना अपराध है? यह सवाल सोचने पर मजबूर कर देता है। राजधानी दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में सलवार-सूट पहनी महिला को उसके पारंपरिक परिधान के कारण अंदर प्रवेश से रोका गया। महिला के पति, जिन्होंने पैंट-टीशर्ट पहना था,...
नेशनल डेस्क: क्या अपने ही देश में पारंपरिक पहनावा पहनना अपराध है? यह सवाल सोचने पर मजबूर कर देता है। राजधानी दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में सलवार-सूट पहनी महिला को उसके पारंपरिक परिधान के कारण अंदर प्रवेश से रोका गया। महिला के पति, जिन्होंने पैंट-टीशर्ट पहना था, उन्हें भी रेस्टोरेंट में प्रवेश नहीं दिया गया। रेस्टोरेंट स्टाफ ने कपड़ों को ‘ड्रेस कोड पॉलिसी’ का उल्लंघन बताते हुए कपल को अंदर जाने से मना कर दिया। इस घटना का वीडियो कपल ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं।
किस जगह की घटना?
यह घटना 3 अगस्त की है, जब एक कपल पीतमपुरा मेट्रो स्टेशन परिसर में स्थित टुबाटा नामक रेस्टोरेंट में खाना खाने गया था। पति ने पोलो टी-शर्ट और पैंट पहनी थी, जबकि पत्नी सलवार-सूट और दुपट्टा लिए हुई थीं। बावजूद इसके, रेस्टोरेंट के कर्मचारियों ने कपड़ों को आधार बनाकर उन्हें प्रवेश नहीं दिया। कपल का कहना है कि रेस्टोरेंट में उस समय कई लोग वेस्टर्न और कम कपड़ों में थे, जिन्हें बिना किसी रोक-टोक के अंदर जाने दिया गया।
क्या भारतीय कपड़ा पहनना शर्म की बात है?
कपल ने बाहर खड़े होकर घटना का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर साझा किया। वीडियो में उन्होंने आरोप लगाया कि रेस्टोरेंट के मैनेजर अजय राणा ने उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया और खुलेआम बेइज्जती की। कपल ने सवाल उठाया कि क्या भारतीय पहनावा अब शर्म की बात बन गया है? इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर गहरा असर छोड़ा और लोगों ने रेस्टोरेंट के इस रवैये की कड़ी आलोचना की।
दिल्ली सरकार ने लिया संज्ञान, जांच का आदेश
इस वायरल वीडियो के बाद दिल्ली सरकार ने तुरंत इस मामले को गंभीरता से लिया। कानून एवं संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि यह घटना अस्वीकार्य है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। मंत्री ने कहा, “पीतमपुरा के इस रेस्टोरेंट में भारतीय परिधानों पर रोक लगाना दिल्ली में स्वीकार्य नहीं है।”