Edited By Anu Malhotra,Updated: 30 Oct, 2025 09:14 AM

राज्य सरकार ने बुधवार से विधिविरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध कानून लागू कर दिया है, जिसका उद्देश्य अवैध या जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाना है। नए नियमों के तहत, कोई भी व्यक्ति यदि स्वेच्छा से धर्म बदलना चाहता है, तो उसे 90 दिन पहले जिले के कलक्टर को...
नेशनल डेस्क: राजस्थान की राज्य सरकार ने बुधवार से विधिविरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध कानून लागू कर दिया है, जिसका उद्देश्य अवैध या जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक लगाना है। नए नियमों के तहत, कोई भी व्यक्ति यदि स्वेच्छा से धर्म बदलना चाहता है, तो उसे 90 दिन पहले जिले के कलक्टर को लिखित रूप में सूचना देना अनिवार्य होगा। कलक्टर की अनुमति के बिना किया गया धर्मांतरण अब अवैध माना जाएगा।
अवैध धर्मांतरण करने वालों की संपत्तियों पर कार्रवाई
कानून में यह प्रावधान भी शामिल है कि जबरन, दबाव या किसी प्रकार के प्रलोभन, लालच या झूठे वादों के जरिए धर्म परिवर्तन कराने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। यदि कोई संगठन अवैध धर्मांतरण में शामिल पाया जाता है, तो उसकी संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने का अधिकार प्रशासन को होगा। यह कदम धार्मिक स्वतंत्रता की आड़ में हो रहे गैरकानूनी कार्यों को रोकने के लिए उठाया गया है।
शादी के माध्यम से धर्मांतरण भी अब अपराध
कानून में यह स्पष्ट किया गया है कि शादी के जरिए धर्म परिवर्तन, जिसे आमतौर पर ‘लव जिहाद’ कहा जाता है, अपराध माना जाएगा। यदि यह साबित होता है कि विवाह धर्मांतरण के इरादे से किया गया, तो अदालत उसे शून्य घोषित कर सकती है।
सख्त सजा का प्रावधान
नए कानून में ऐसे अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है। यदि किसी व्यक्ति या संस्था ने किसी को जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराया, तो उन्हें उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है।