Edited By Mehak,Updated: 27 Oct, 2025 04:39 PM

महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सेनेटरी पैड को लेकर हाल ही में एक रिसर्च में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अध्ययन में पाया गया कि कई ब्रांड्स के पैड्स में हानिकारक केमिकल्स जैसे फ्थैलेट्स, डायॉक्सिन्स और वीओसी मौजूद हैं, जो हार्मोनल असंतुलन,...
नेशनल डेस्क : देशभर में महिलाएं पीरियड्स के दौरान सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं ताकि वे साफ-सुथरी और आरामदायक महसूस कर सकें। लेकिन हाल के वर्षों में एक सवाल बार-बार उठ रहा है। क्या सेनेटरी पैड को पहनने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है? तो जवाब है नहीं, लेकिन लंबे समय तक पहनने से या बार-बार इस्तेमाल करने पर कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। यह चिंता वाजिब है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो ऑफिस, स्कूल या बाहर रहते हुए कई घंटे तक पैड नहीं बदल पातीं।
क्या सेनेटरी पैड से कैंसर का खतरा है?
कई रिसर्च और रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बाजार में बिकने वाले कुछ सेनेटरी पैड्स में ऐसे केमिकल्स पाए गए हैं जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं। बताया गया है कि अधिकतर पैड पूरी तरह से कॉटन (रूई) से नहीं बनते, बल्कि इनमें Cellulose Gel और Dioxin जैसे रसायन शामिल होते हैं। ये तत्व शरीर के संपर्क में आने पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं और लंबे समय में अंडाशय (Ovarian) कैंसर जैसी बीमारियों की संभावना बढ़ा सकते हैं।
रिसर्च में क्या पाया गया?
दिल्ली की पर्यावरण संस्था टॉक्सिक्स लिंक ने साल 2022 में एक अध्ययन किया था। इस रिसर्च में भारत के 10 प्रमुख ब्रांड्स के सेनेटरी पैड्स का परीक्षण किया गया। नतीजों में पाया गया कि कई उत्पादों में Phthalates, VOCs (Volatile Organic Compounds), Dioxins, Phenols और Parabens जैसे रसायन मौजूद थे। ये तत्व त्वचा से शरीर में प्रवेश कर हार्मोनल असंतुलन, एलर्जी और संक्रमण जैसी दिक्कतें पैदा कर सकते हैं।
एक्सपर्ट्स की राय
टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई के डॉक्टर के. वेंकटेश चौधरी के अनुसार, Phthalates और Dioxins जैसे केमिकल हमारे Endocrine System (Hormone System) को प्रभावित करते हैं। इससे महिलाओं की प्रजनन क्षमता यानी फर्टिलिटी पर असर पड़ सकता है। लंबे समय तक इन रसायनों के संपर्क में रहने से हार्मोनल असंतुलन, बांझपन और यहां तक कि कैंसर का जोखिम भी बढ़ सकता है।
पैड इस्तेमाल करने के सही और सुरक्षित तरीके
1. हर 4-6 घंटे में पैड बदलें: चाहे ब्लीडिंग कम हो या ज्यादा, एक पैड को लंबे समय तक पहनना संक्रमण का खतरा बढ़ाता है।
2 साफ-सफाई जरूरी है: पैड बदलने से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह धोएं।
3. कॉटन वाले पैड चुनें: ये स्किन-फ्रेंडली होते हैं और एलर्जी या रैशेज से बचाते हैं।
4. बहुत सस्ते या नकली पैड न खरीदें: इनमें केमिकल्स या खराब क्वालिटी की सामग्री हो सकती है।
5. रात में भी पैड बदलें: लंबे समय तक एक ही पैड पहनने से बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं, जिससे संक्रमण हो सकता है।