Edited By Tanuja,Updated: 31 Dec, 2025 05:59 PM

तिब्बत में बुधवार दोपहर 3.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर रही। यह क्षेत्र भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव के कारण अत्यधिक भूकंपीय संवेदनशील माना जाता है, जहां हल्के झटके अक्सर आते रहते हैं।
International Desk: तिब्बत में बुधवार दोपहर एक बार फिर धरती कांप उठी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, 31 दिसंबर को दोपहर 3:26 बजे तिब्बत में 3.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर बताई गई है। NCS ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि भूकंप का केंद्र अक्षांश 30.04 उत्तर और देशांतर 89.83 पूर्व में स्थित था। फिलहाल किसी जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। गौरतलब है कि इससे पहले 21 दिसंबर को भी तिब्बत में 3.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था।
विशेषज्ञों के अनुसार, कम गहराई पर आने वाले भूकंप अपेक्षाकृत ज्यादा खतरनाक होते हैं, क्योंकि इनके झटके सीधे सतह तक पहुंचते हैं और नुकसान की आशंका बढ़ जाती है। तिब्बती पठार दुनिया के सबसे अधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक है। तिब्बत और नेपाल उस प्रमुख भूगर्भीय फॉल्ट लाइन पर स्थित हैं, जहां भारतीय टेक्टोनिक प्लेट लगातार यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है। इसी टकराव से हिमालय पर्वत श्रृंखला का निर्माण हुआ और आज भी इस क्षेत्र में भूकंप आते रहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तिब्बत में बड़ी तीव्रता वाले भूकंप आमतौर पर स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट्स पर आते हैं, जबकि सामान्य फॉल्टिंग से मध्यम तीव्रता के भूकंप उत्पन्न होते हैं। भूकंपीय गतिविधियों को देखते हुए इस क्षेत्र में लगातार निगरानी की जा रही है।