EPS पेंशनर्स की बल्ले-बल्ले! EPFO न्यूनतम पेंशन में होगी बढ़ोतरी? आ सकता है बड़ा फैसला

Edited By Updated: 07 Oct, 2025 02:09 PM

epfo cbt meeting minimum pension hike 2025

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक 10-11 अक्टूबर को बेंगलुरु में होगी। बैठक में न्यूनतम पेंशन को ₹1,000 से बढ़ाकर ₹2,500 करने पर चर्चा की संभावना है। साथ ही ईपीएफओ 3.0 डिजिटल प्रोजेक्ट पर भी विचार होगा।...

नेशनल डेस्क : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी), की महत्वपूर्ण बैठक 10 और 11 अक्टूबर को बेंगलुरु में होने जा रही है। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95) के तहत न्यूनतम पेंशन राशि को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह करने के प्रस्ताव पर चर्चा होने की संभावना है। वर्तमान में ईपीएस के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह है, जो 2014 में तय की गई थी और तब से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।

न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये की मांग
विभिन्न कर्मचारी संगठन और ट्रेड यूनियन लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि मौजूदा महंगाई के दौर में 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन अपर्याप्त है। पेंशनर्स के संगठन पेंशन राशि को बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, रिपोर्ट्स के अनुसार, सीबीटी 7.5 गुना वृद्धि की मांग को स्वीकार करने के बजाय न्यूनतम पेंशन को 2,500 रुपये तक बढ़ाने पर विचार कर सकता है।

ईपीएफओ पेंशन की गणना कैसे होती है?
ईपीएस के तहत पेंशन की गणना एक निश्चित फॉर्मूले के आधार पर की जाती है:

पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन × पेंशन योग्य सेवा) ÷ 70
यहां, पेंशन योग्य वेतन पिछले 60 महीनों के औसत मूल वेतन और महंगाई भत्ते का योग है, जिसकी अधिकतम सीमा 15,000 रुपये प्रति माह है। पेंशन योग्य सेवा कर्मचारी की कुल सेवा के वर्षों को दर्शाती है, जिसमें 6 महीने या उससे अधिक की सेवा को पूर्ण वर्ष माना जाता है। पेंशन के लिए पात्र होने के लिए कम से कम 10 वर्षों की निरंतर सेवा आवश्यक है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कर्मचारी ने 35 वर्षों तक सेवा की है, तो उसे अधिकतम 7,500 रुपये मासिक पेंशन मिल सकती है। पेंशन 58 वर्ष की आयु में शुरू होती है, लेकिन यदि कर्मचारी इससे पहले नौकरी छोड़ता है, तो उसे निकासी लाभ या कम पेंशन मिलती है।

ईपीएफओ 3.0
बैठक का एक अन्य प्रमुख एजेंडा ईपीएफओ 3.0 परियोजना है, जिसके तहत संगठन को पूरी तरह डिजिटल और कागज रहित बनाने की योजना है। इस परियोजना में कई आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी, जैसे:

एटीएम से सीधे पीएफ निकासी
यूपीआई के माध्यम से तत्काल पीएफ निकासी

रीयल-टाइम क्लेम सेटलमेंट और सुधार सुविधा

ऑनलाइन डेथ क्लेम का आसान निपटान

स्वचालित डेटा एकीकरण

इस बड़े पैमाने की तकनीकी उन्नति के लिए इन्फोसिस, विप्रो और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) जैसी प्रमुख भारतीय आईटी कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। तकनीकी परीक्षण और सिस्टम एकीकरण में चुनौतियों के कारण इस परियोजना में देरी हुई है, लेकिन अब यह अगले वर्ष शुरू होने की उम्मीद है।

बैठक में और क्या होगा चर्चा का विषय?
न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के प्रस्ताव के अलावा, सीबीटी डिजिटल सुधारों, निवेश नीतियों और पेंशन योजना के फंड ढांचे पर भी चर्चा कर सकता है। हालांकि, अंतिम निर्णय के लिए सरकार की मंजूरी आवश्यक होगी। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन आज के समय में अप्रासंगिक हो चुकी है। एक श्रमिक संघ प्रतिनिधि ने कहा, “इस राशि पर कोई गुजारा नहीं कर सकता। सरकार को महंगाई को ध्यान में रखते हुए इसमें पर्याप्त वृद्धि करनी चाहिए।”

कर्मचारियों और पेंशनर्स की उम्मीदें
लाखों पेंशनर्स और कर्मचारियों की निगाहें 10-11 अक्टूबर को होने वाली इस सीबीटी बैठक पर टिकी हैं। इस बैठक के परिणाम न केवल पेंशन राशि में संभावित वृद्धि बल्कि डिजिटल सुधारों के माध्यम से ईपीएफओ सेवाओं में सुधार ला सकते हैं। कर्मचारी और पेंशनर्स उम्मीद कर रहे हैं कि इस बैठक से उनके लिए बड़ी राहत की घोषणा होगी।

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