Edited By Rahul Rana,Updated: 21 Aug, 2025 09:26 PM

आंखों से लगातार पानी आना एक सामान्य सी लगने वाली समस्या है, लेकिन कई बार यह किसी गंभीर नेत्र रोग का संकेत भी हो सकता है। धूल, धुआं, एलर्जी या लंबे समय तक स्क्रीन देखने की आदत से शुरू होने वाली यह परेशानी आंखों में जलन, चुभन और धुंधलापन जैसे लक्षणों...
नेशनल डेस्कः आंखों से लगातार पानी आना एक सामान्य सी लगने वाली समस्या है, लेकिन कई बार यह किसी गंभीर नेत्र रोग का संकेत भी हो सकता है। धूल, धुआं, एलर्जी या लंबे समय तक स्क्रीन देखने की आदत से शुरू होने वाली यह परेशानी आंखों में जलन, चुभन और धुंधलापन जैसे लक्षणों के साथ सामने आ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
अक्सर लोग ठंडी हवा, धूल-मिट्टी, धुआं या लंबे समय तक कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन पर काम करने के कारण आंखों से पानी आने की शिकायत करते हैं। हालांकि, अगर यह समस्या बार-बार या लगातार बनी रहती है, तो यह आंखों में एलर्जी, संक्रमण या अन्य बीमारियों की ओर इशारा कर सकती है।
आंसू नलिकाओं की कार्यक्षमता कमजोर
उम्र बढ़ने के साथ-साथ आंसू नलिकाओं की कार्यक्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे आंखों से पानी बहने लगता है। कई बार यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि व्यक्ति को रोशनी सहन नहीं होती या दृष्टि धुंधली होने लगती है। लगातार पानी आने से आंखों में चिपचिपाहट और पलकों के चिपकने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
जल्द से जल्द इलाज जरूरी
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. ए.के. ग्रोवर का कहना है कि आंखों से लगातार पानी आना कई प्रकार की आंखों की बीमारियों का संकेत हो सकता है। सबसे सामान्य कारण है कंजक्टिवाइटिस, जिसमें आंखें लाल और सूजी हुई दिखाई देती हैं, और पानी के साथ पस भी आ सकता है। ड्राई आई सिंड्रोम भी एक बड़ा कारण है, जिसमें आंखें सूख जाती हैं और नमी बनाए रखने के लिए बार-बार आंसू निकलते हैं। एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस, कॉर्नियल इंफेक्शन, ग्लॉकोमा (काला मोतिया), या आंसू नलिका के ब्लॉकेज जैसे कारण भी इसके पीछे हो सकते हैं। डॉ. ग्रोवर बताते हैं कि छोटे बच्चों में जन्मजात आंसू नलिका ब्लॉकेज के कारण भी आंखों से लगातार पानी आता है। ऐसे मामलों में जल्द से जल्द इलाज जरूरी होता है, खासकर जब पानी के साथ दर्द, रोशनी चुभना या धुंधलापन जैसे लक्षण भी नजर आएं।
कैसे करें बचाव?
- धूल, धुएं और प्रदूषण से आंखों की सुरक्षा करें।
- स्क्रीन पर काम करते समय नियमित अंतराल पर ब्रेक लें।
- आंखों को बार-बार न रगड़ें।
- दिन में दो से तीन बार साफ पानी से आंखें धोएं।
- एलर्जी या संक्रमण के लक्षण दिखें तो तुरंत नेत्र चिकित्सक से संपर्क करें।
- बाहर निकलते समय सनग्लास का इस्तेमाल करें।