Edited By Anu Malhotra,Updated: 13 Sep, 2025 12:09 PM

अमेरिका में आम लोगों की जेब पर महंगाई का बोझ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2025 में महंगाई दर में एक बार फिर उछाल देखने को मिला है। फेडरल रिजर्व की तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई अब उसकी तय सीमा से बाहर निकल चुकी है। इस...
नई दिल्ली: अमेरिका में आम लोगों की जेब पर महंगाई का बोझ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2025 में महंगाई दर में एक बार फिर उछाल देखने को मिला है। फेडरल रिजर्व की तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई अब उसकी तय सीमा से बाहर निकल चुकी है। इस बार ग्रॉसरी के सामान में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी अंडे, दूध, आलू और ब्रेड जैसे ज़रूरी खाद्य उत्पादों में देखी गई है, जिसने आम अमेरिकी परिवार के बजट को हिला कर रख दिया है।
क्या कहता है डेटा?
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अगस्त 2025 की महंगाई दर: सालाना आधार पर 2.9% की वृद्धि हुई है, जो जुलाई में 2.7% थी।
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ग्रॉसरी महंगाई: मासिक आधार पर 0.6% की बढ़ोतरी, जबकि सालाना 2.4% महंगा हुआ राशन।
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USDA का अनुमान: पूरे 2025 में ग्रॉसरी कीमतें 3.3% तक बढ़ सकती हैं।
अब क्या-क्या हुआ महंगा?
| सामान |
वर्तमान दाम (₹ में) |
सालाना वृद्धि (%) |
| अंडा (1 दर्जन) |
₹300 |
12% ↑ |
| दूध (1 गैलन / 3.8 लीटर) |
₹350 |
— |
| चिकन (1 पाउंड / 453g) |
₹175 |
4.4% ↑ |
| ब्रेड (1 पाउंड) |
₹155 |
— |
| आलू (1 पाउंड) |
₹84 |
— |
| चावल (1 पाउंड) |
₹89 |
— |
| केला (1 पाउंड) |
₹56 |
8.8% ↑ |
| बीफ (1 पाउंड) |
₹557 |
— |
खर्च बढ़ा, सैलरी वही
अब एक औसत अमेरिकी परिवार हर महीने लगभग $900 (₹75,600) ग्रॉसरी पर खर्च कर रहा है, जो पहले की तुलना में काफी ज़्यादा है। हालांकि आय में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है, जिससे मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है।
क्या ट्रंप टैरिफ ज़िम्मेदार हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए "रिसिप्रोकल टैरिफ्स" और अन्य व्यापार नीतियों का असर अब महंगाई पर साफ दिख रहा है। चीन, भारत और यूरोपीय देशों से आयात महंगा होने से घरेलू सप्लाई पर दबाव बढ़ा है और कीमतें ऊपर जा रही हैं।