गोयल बोले- ई-कॉमर्स कंपनियों की नहीं चलेगी मनमानी, कैट ने किया स्वागत

Edited By Updated: 16 Jan, 2020 09:24 PM

goyal said  e commerce companies will not do arbitrary cait welcomed

अखिल भारतीय व्यापारियों के महासंघ (कैट) ने बृहस्पतिवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के ई-वाणिज्य कंपनियों को लेकर दिये गये बयान की सराहना करते हुए इसे साहसिक और व्यवहारिक कदम बताया। कैट के अनुसार मंत्री का

नई दिल्लीः अखिल भारतीय व्यापारियों के महासंघ (कैट) ने बृहस्पतिवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के ई-वाणिज्य कंपनियों को लेकर दिये गये बयान की सराहना करते हुए इसे साहसिक और व्यवहारिक कदम बताया। कैट के अनुसार मंत्री का बयान बताता है कि अमेजन और फ्लिकार्ट जैसी कंपनियों के लिये एफडीआई नीति का पिछले दरवाजे से उल्लंघन चलने वाला नहीं है।

गोयल ने दिल्ली में चल रहे वैश्विक संवाद सम्मेलन ‘रायसीना डायलॉग' में कहा कि अमेजन भारत में निवेश करके उस पर कोई एहसान नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि ऑनलाइन कारोबार मंच उपलब्ध कराने वाली कंपनी अगर दूसरों का बाजार बिगाड़ने वाली मूल्य नीति पर नहीं चल रही है तो उसे इतना बड़ा घाटा कैसे हो सकता है। दुनिया के सबसे बड़े धनाढ्य व्यक्ति जेफ बेजोस के भारत में एक अरब डॉलर के निवेश की घोषणा के एक दिन बाद गोयल ने यह बात कही है।

कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने एक बयान में कहा, ‘‘वाणिज्य मंत्री ने जो कहा है वह साहसिक और व्यवहारिक है। उन्होंने इसके जरिये यह बात दोहरायी है कि सरकार सात करोड़ व्यापारियों के हितों को लेकर संवेदनशील है जो ई-वाणिज्य कंपनियों की गड़बड़ियों की वजह से प्रभावित हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मंत्री का बयान बताता है कि अमेजन और फ्लिकार्ट जैसी कंपनियों के लिये एफडीआई नीति का पिछले दरवाजे से उल्लंघन चलने वाला नहीं है।''

गोयल ने यह भी कहा कि ई-वाणिज्य कंपनियों को भारतीय नियमों का अक्षरश: अनुपालन करना होगा। उन्हें कानून में छिद्र ढूंढकर पिछले दरवाजे से भारतीय बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ई-वाणिज्य बाजार में विदेशी निवेश की अनुमति देता है। इस मॉडल में खरीदार और विक्रेता व्यापार करने के लिये स्वतंत्र हैं लेकिन ये ई-वाणिज्य कंपनियां अपना माल भंडार नहीं रख सकती है या वे कीमतें तय नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जबतक इन नियमों का अनुपालन होता है, हम भारत में ई-वाणिज्य कंपनियों का स्वागत करते हैं।''

 

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