Edited By Sahil Kumar,Updated: 20 Sep, 2025 08:14 PM

भारत सरकार 22 सितंबर, 2025 से नई जीएसटी सुधार लागू करने जा रही है, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने मंजूरी दी है। इन सुधारों से कर प्रणाली सरल होकर मुख्यतः दो दरों (5% और 18%) पर आधारित होगी। रियल एस्टेट सेक्टर को...
नेशनल डेस्क: भारत सरकार द्वारा "अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार" सोमवार, 22 सितंबर, 2025 से पूरे देश में लागू किए जा रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में इन ऐतिहासिक सुधारों को मंजूरी दी गई। इसका उद्देश्य मौजूदा चार-दर प्रणाली (5%, 12%, 18%, 28%) को सरल बनाकर मुख्य रूप से दो दरों 5% (योग्यता दर) और 18% (मानक दर) में परिवर्तित करना है। इसके अलावा, पाप और विलासिता की वस्तुओं पर 40% की विशेष दर भी लागू की जाएगी।
वाणिज्यिक क्षेत्रों में मांग में तेजी
सरकार का मानना है कि ये सुधार भारतीय रियल एस्टेट उद्योग के लिए "गेम-चेंजर" साबित होंगे। आवासीय, खुदरा और वाणिज्यिक क्षेत्रों में मांग में तेजी आने की उम्मीद है। जीएसटी दरों में कटौती से न केवल परियोजनाओं की लागत घटेगी, बल्कि कर संरचना के सरलीकरण से निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा। विशेष रूप से सीमेंट जैसी प्रमुख निर्माण सामग्री पर जीएसटी दर को 28% से घटाकर 18% किए जाने से देश में कुल निर्माण लागत में 3-5% तक की गिरावट आने की संभावना है। इससे डेवलपर्स को भी लाभ होगा और वे अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य पर परियोजनाएं उपलब्ध करा सकेंगे।
जीएसटी की नई दरें
जीएसटी की नई दरें संपत्ति के प्रकार के अनुसार अलग-अलग लागू होंगी। निर्माणाधीन आवासीय संपत्तियों में किफायती आवास पर 1% जीएसटी लगेगा, जिसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। वहीं, गैर-किफायती आवासों पर 5% जीएसटी लागू होगा, लेकिन इसके लिए भी इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा। व्यावसायिक संपत्तियों पर 12% जीएसटी लगेगा, जिसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लिया जा सकेगा। इसके अलावा, पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त रेडी-टू-मूव इन घर, पुनर्विक्रय संपत्तियां और भूमि की बिक्री जैसी श्रेणियां जीएसटी से मुक्त रहेंगी। इस नई कर संरचना से विभिन्न प्रकार की संपत्तियों पर कर लगाने में स्पष्टता आएगी और प्रक्रिया सरल होगी।
घर खरीदना पहले से आसान होगा
रिफॉर्म्स का सीधा असर घर खरीदारों पर पड़ेगा। निर्माण सामग्री पर जीएसटी दरों में कटौती से लागत में कमी आएगी, जिससे किफायती और मध्यम वर्गीय घरों की कीमतों में 1-1.5% की संभावित गिरावट हो सकती है। इससे बड़ी आबादी के लिए घर खरीदना पहले से आसान होगा। डेवलपर्स और बिल्डर्स के लिए जीएसटी दरों में कमी राहत लेकर आई है। इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ उन्हें निर्माण सामग्री जैसे सीमेंट, स्टील, टाइल्स, आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग सेवाओं पर भुगतान किए गए करों पर मिलेगा। इससे न केवल उनकी कुल लागत घटेगी बल्कि मार्जिन बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।