इस महिला के शरीर में पाया गया अनोखा ब्लड ग्रुप: मेडिकल साइंस के लिए एक बड़ी चुनौती

Edited By Updated: 27 Sep, 2025 10:38 AM

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क्या आपने कभी सुना है ऐसा ब्लड ग्रुप जो पूरी दुनिया में सिर्फ एक इंसान के अंदर पाया जाता हो? सुनने में ये किसी साइंस फिक्शन जैसी कहानी लगे, लेकिन ये हकीकत है! मेडिकल साइंस की दुनिया में इतिहास तब लिखा गया जब वैज्ञानिकों ने 'Gwada Negative' नामक एक...

नेशनल डेस्क: क्या आपने कभी सुना है ऐसा ब्लड ग्रुप जो पूरी दुनिया में सिर्फ एक इंसान के अंदर पाया जाता हो? सुनने में ये किसी साइंस फिक्शन जैसी कहानी लगे, लेकिन ये हकीकत है! मेडिकल साइंस की दुनिया में इतिहास तब लिखा गया जब वैज्ञानिकों ने 'Gwada Negative' नामक एक नया और अब तक का सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप खोजा। हैरानी की बात ये है कि यह ब्लड ग्रुप पूरे विश्व में सिर्फ एक महिला के शरीर में पाया गया है।

कहां मिला यह रहस्यमयी ब्लड ग्रुप?
यह अनोखा ब्लड ग्रुप कैरेबियन के ग्वाडेलूप द्वीप की रहने वाली 68 वर्षीय महिला में मिला। यह महिला सामान्य सर्जरी के लिए पेरिस के एक अस्पताल में गई थी, लेकिन वहाँ डॉक्टरों को कुछ ऐसा मिला, जिसकी कल्पना भी मुश्किल थी।

Gwada Negative: आखिर है क्या ये?
इस नए ब्लड ग्रुप को इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन (ISBT) ने आधिकारिक मान्यता दी है, और इसे दुनिया का 48वां ब्लड ग्रुप घोषित किया गया है। इस खोज से पहले जितने भी ब्लड ग्रुप्स की पहचान हुई थी, उनमें से कोई भी इस महिला के खून से मेल नहीं खा रहा था।

पहली बार कब हुआ इस ब्लड ग्रुप का संकेत?
वर्ष 2011 में, जब महिला की सर्जरी की तैयारी चल रही थी, डॉक्टरों ने उसके ब्लड में एक असामान्य एंटीबॉडी की उपस्थिति नोट की — जो किसी भी ज्ञात एंटीजन से मेल नहीं खा रही थी। शुरुआत में इसे समझना मुश्किल था, लेकिन विज्ञान ने हार नहीं मानी। फिर साल 2019 में, वैज्ञानिकों ने नेक्स्ट जनरेशन सीक्वेंसिंग (NGS) तकनीक की मदद से इस रहस्य से पर्दा उठाया। परीक्षणों ने पुष्टि की कि यह एक बिल्कुल नई और अनदेखी रक्त श्रेणी है।

मेडिकल साइंस के लिए एक बड़ी चुनौती
इस अनोखे ब्लड ग्रुप की खोज ने चिकित्सा जगत को एक नई दिशा दी, लेकिन इसके साथ ही कई गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है: अगर इस महिला को कभी खून की जरूरत पड़ी, तो कौन डोनर होगा?
जवाब सुनकर आप चौंक जाएंगे – कोई नहीं, क्योंकि दुनिया में कोई दूसरा इंसान नहीं है जिसके पास यह ब्लड ग्रुप हो। ऐसे में अगर उसे ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ी, तो केवल उसे खुद का खून ही बचा सकता है।

 क्यों क्रांतिकारी है यह खोज?
ब्लड ट्रांसफ्यूजन को लेकर हम आमतौर पर ABO और Rh फैक्टर सिस्टम पर निर्भर रहते हैं, लेकिन मानव रक्त में 600 से अधिक प्रकार के एंटीजन्स पाए जाते हैं, जो असीमित कॉम्बिनेशन बना सकते हैं। ‘Gwada Negative’ उन संयोजनों में से एक है, जो अब तक वैज्ञानिकों की जानकारी में नहीं था। इस खोज ने यह साबित कर दिया कि मानव शरीर अब भी अज्ञात और अद्भुत रहस्यों से भरा हुआ है।

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