भारी जाम ने ली महिला की जान, एंबुलेंस में घंटों तड़पती रही महिला; रास्ते में ही दम तोड़ा

Edited By Updated: 11 Aug, 2025 05:12 PM

heavy traffic jam took the life of a woman she kept suffering in the ambulance

महाराष्ट्र के पालघर में 49 वर्षीय एक महिला की अपने पूर्व स्कूल का दौरा करने की खुशी अकल्पनीय त्रासदी में बदल गई। महिला स्कूल में एक पेड़ के गिरने की घटना में घायल हो गई और अस्पताल ले जाने के दौरान राजमार्ग पर एंबुलेंस के भारी यातायात जाम में फंसने...

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के पालघर में 49 वर्षीय एक महिला की अपने पूर्व स्कूल का दौरा करने की खुशी अकल्पनीय त्रासदी में बदल गई। महिला स्कूल में एक पेड़ के गिरने की घटना में घायल हो गई और अस्पताल ले जाने के दौरान राजमार्ग पर एंबुलेंस के भारी यातायात जाम में फंसने के कारण रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। महाराष्ट्र के पालघर जिले में 31 जुलाई को भारी यातायात और गड्ढों से भरी सड़क पर कई घंटों की अपनी कष्टदायक यात्रा का वर्णन करते हुए महिला के निराश पति ने पत्रकारों को बताया कि अगर एंबुलेंस 30 मिनट पहले अस्पताल पहुंचने में कामयाब हो जाती तो उसकी जान बच सकती थी। पुलिस ने मौत की पुष्टि की, लेकिन कहा कि उन्होंने अब तक इस संबंध में मामला दर्ज नहीं किया है। छाया पूरव सफला इलाके में अपने स्कूल में एक समारोह के लिए गई थीं और परिसर में एक विशाल पेड़ को काटे जाने की कार्रवाई देख रही थी।

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स्थानीय निवासी अरुण पाटिल ने कहा, ‘‘वह कुछ दूरी पर खड़ी थीं और वहां मौजूद अन्य लोगों की तरह सब देख रही थीं। लेकिन किस्मत का अजीब खेल हुआ और विशाल पेड़ अप्रत्याशित रूप से उनके ऊपर गिर गया, जिससे उनके सिर और पसलियों में गंभीर चोटें आईं।'' महिला को पहले एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए बाद में उन्हें लगभग 100 किलोमीटर दूर मुंबई से सटे हिंदुजा अस्पताल रेफर कर दिया गया। उनके पति कौशिक एंबुलेंस में उनके साथ थे। एंबुलेंस अपराह्न लगभग तीन बजे रवाना हुई। पीड़िता को असहनीय दर्द से राहत दिलाने के लिए एनेस्थीसिया दिया गया था। महिला के परिवार के सदस्यों ने बताया कि इसके बाद सफर बहुत पीड़ादायक रहा क्योंकि एंबुलेंस एनएच-48 पर एक भीषण यातायात जाम में फंस गई। शाम छह बजे तक गाड़ी मुश्किल से आधी दूरी तय कर पाई थी। जैसे-जैसे एनेस्थीसिया का असर खत्म होता गया महिला की पीड़ा बढ़ती गई।

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हिला के दुखी पति ने बताया कि कैसे जाम और गड्ढों से भरी सड़क ने उसके दर्द को और बढ़ा दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उसे चार घंटे तक असहनीय पीड़ा सहते देखा।'' उन्होंने कहा, ‘‘वह मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन हम फंस गए थे क्योंकि यातायात के विपरीत दिशा में चल रहे वाहनों ने स्थिति और बिगाड़ दी थी।'' महिला को बचाने की हरसंभव कोशिश में एंबुलेंस चालक ने गाड़ी को पड़ोसी ठाणे के मीरा रोड इलाके में स्थित ऑर्बिट अस्पताल की ओर मोड़ दिया, जो लगभग 30 किलोमीटर दूर है। कौशिक ने बताया कि लेकिन एंबुलेंस के अस्पताल पहुंचने पर पूरव को मृत घोषित कर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ आधा घंटा पहले पहुंचने से उसकी जान बच सकती थी।'' यह कहते हुए कौशिक का दुख साफ झलक रहा था। मुंबई के जिस इलाके में पूरव रहती थीं, वहां के निवासियों ने उनकी मौत पर शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए। केलवा थाने के एक अधिकारी ने महिला की मौत की पुष्टि की, लेकिन कहा कि उन्होंने अब तक मामला दर्ज नहीं किया है।

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