Edited By Shubham Anand,Updated: 27 Sep, 2025 07:36 PM

राणा हॉस्पिटल, सरहिंद में डॉ. हितेंद्र सूरी बताते हैं कि बवासीर और फिस्टुला में देरी से गंभीर समस्या हो सकती है। शुरुआती लक्षण जैसे मल में खून, गुदा में दर्द या पस को नज़रअंदाज़ न करें। उपचार में लेज़र सर्जरी, स्टेपलर सर्जरी और आधुनिक तकनीकें शामिल...
नेशनल डेस्क : बहुत से लोग बवासीर (हैमोरॉइड्स) और फिस्टुला से चुपचाप पीड़ित रहते हैं, क्योंकि उन्हें शर्म या डर लगता है। लेकिन इलाज में देरी करने से बीमारी और गंभीर हो जाती है और दर्द बढ़ता है। राणा हॉस्पिटल, सरहिंद में डॉ. हितेंद्र सूरी कहते हैं कि जागरूकता और समय पर इलाज ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है।
बवासीर और फिस्टुला क्या हैं?
बवासीर: मलद्वार की सूजी हुई नसें, जिनसे दर्द, खुजली और खून आता है।
फिस्टुला: मलद्वार और त्वचा के बीच बना असामान्य रास्ता, जिससे मवाद या पानी रिसता है।
लक्षण जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए
मल के साथ खून आना
गुदा के आसपास दर्द और खुजली
गांठ या सूजन महसूस होना
गुदा के पास से पस या तरल का निकलना
समय पर इलाज क्यों ज़रूरी है?
शुरुआती अवस्था में तेज़ और आसान इलाज
दर्द और तकलीफ़ कम
जटिलताओं से बचाव
बेहतर जीवन गुणवत्ता
राणा हॉस्पिटल में उपचार
लेज़र सर्जरी – सुरक्षित और कम दर्द वाली
स्टेपलर सर्जरी – उन्नत बवासीर के लिए प्रभावी
फिस्टुला उपचार – लेज़र और आधुनिक तकनीकें
दवाइयाँ और जीवनशैली सलाह – शुरुआती मरीजों के लिए
बचाव के उपाय
फल और सब्ज़ियाँ ज़्यादा खाएँ
रोज़ पर्याप्त पानी पिएँ
कब्ज़ से बचें
नियमित व्यायाम करें