Edited By Mehak,Updated: 11 Dec, 2025 01:01 PM

आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलता है, लेकिन कई बार अस्पताल कार्ड दिखाने के बाद भी मरीजों को भर्ती नहीं करते। ऐसी स्थिति में मरीज पहले यह सुनिश्चित करें कि अस्पताल योजना में पंजीकृत है। यदि...
नेशनल डेस्क : देश में लाखों परिवारों के लिए आयुष्मान भारत कार्ड बड़ी राहत साबित हुआ है। इस योजना के तहत पात्र परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जाता है। इससे कई लोग बिना पैसे खर्च किए गंभीर बीमारियों का भी उपचार करा पा रहे हैं। लेकिन अक्सर शिकायतें मिलती हैं कि कुछ अस्पताल कार्ड दिखाने के बावजूद मरीजों को भर्ती नहीं करते या इलाज देने से मना कर देते हैं। ऐसी स्थिति में ज्यादातर लोग नहीं जानते कि आगे क्या करना चाहिए जबकि इसके लिए पूरी व्यवस्था मौजूद है।
सबसे पहले जानें - अस्पताल योजना में है या नहीं?
इलाज शुरू कराने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि जिस अस्पताल में आप जा रहे हैं, वह आयुष्मान भारत–PMJAY योजना में सूचीबद्ध है या नहीं।
इसके लिए:
- pmjay.gov.in पर जाएं
- 'Find Hospital' सेक्शन खोलें
- राज्य, जिला और स्पेशियलिटी चुनें
इसके बाद आपके सामने सरकारी और प्राइवेट दोनों प्रकार के पंजीकृत अस्पतालों की सूची आ जाएगी। अस्पताल पहुंचने पर सीधे आयुष्मान मित्र हेल्प डेस्क पर जाएं। यही टीम कार्ड की वैरिफिकेशन करती है और इलाज की प्रक्रिया आगे बढ़ाती है। कई लोग सीधे OPD में चले जाते हैं जिससे प्रोसेस मिस हो जाता है और परेशानी खड़ी हो जाती है।
अस्पताल इलाज से मना कर दे तो क्या करें?
यदि अस्पताल योजना में पंजीकृत है और आपका आयुष्मान कार्ड एक्टिव है, लेकिन फिर भी अस्पताल आपको कैशलेस इलाज देने से इनकार कर देता है, तो यह सीधा नियमों का उल्लंघन है।
ऐसी स्थिति में तुरंत शिकायत करें:
1. नेशनल हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल करें
यह सबसे आसान तरीका है। हेल्पलाइन आपकी शिकायत तुरंत दर्ज करती है और अस्पताल पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होती है।
2. अपने राज्य की SHA (State Health Agency) टीम से संपर्क करें
जरूरत पड़ने पर राज्य स्तर की टीम भी मामले में हस्तक्षेप करती है। अनेक मामलों में अस्पतालों को चेतावनी, नोटिस या गंभीर स्थिति में योजना से डीलिस्ट भी किया जा सकता है।
क्यों जरूरी है शिकायत करना?
आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद अस्पताल द्वारा इलाज से इनकार करना योजना के नियमों के खिलाफ है। सरकार इस बात पर सख्त है कि मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। इसलिए यदि आपके साथ ऐसा होता है तो चुप न रहें शिकायत जरूर करें। इससे न सिर्फ आपको मदद मिलेगी बल्कि दूसरों को भी ऐसी समस्या से बचाया जा सकेगा।