Edited By Parveen Kumar,Updated: 17 Nov, 2025 01:08 AM

प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ की पीएफ स्कीम बेहद फायदेमंद मानी जाती है। सरकारी सुरक्षा वाली इस स्कीम में निवेश का जोखिम न के बराबर होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पीएफ कटने के साथ ही आपको बिना एक भी रुपये खर्च किए 7...
नेशनल डेस्क: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ की पीएफ स्कीम बेहद फायदेमंद मानी जाती है। सरकारी सुरक्षा वाली इस स्कीम में निवेश का जोखिम न के बराबर होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पीएफ कटने के साथ ही आपको बिना एक भी रुपये खर्च किए 7 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है? जी हाँ, कई नौकरीपेशा लोग इस बड़े लाभ से पूरी तरह अनजान रहते हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना (EDLI) 1976 के तहत प्रत्येक ईपीएफ सदस्य को फ्री इंश्योरेंस कवर मिलता है। इस योजना की सबसे खास बात यह है कि कर्मचारी को कोई प्रीमियम नहीं देना होता- सारा योगदान कंपनी देती है। नियोक्ता कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए का 0.50% (अधिकतम वेतन सीमा ₹15,000) ईडीएलआई फंड में जमा करता है।
योजना के तहत यदि किसी कर्मचारी की बीमारी, दुर्घटना या प्राकृतिक कारणों से मृत्यु हो जाती है, तो उसके नॉमिनी को न्यूनतम ₹2.5 लाख से लेकर अधिकतम ₹7 लाख तक की लंपसम राशि मिलती है। इस राशि की गणना कर्मचारी के पिछले 12 महीनों के औसत वेतन (बेसिक + डीए) और पीएफ खाते की जमा रकम के आधार पर की जाती है। खास बात यह है कि यदि कर्मचारी ने पिछले 12 महीनों में कई कंपनियों में काम किया हो, तब भी यह बीमा कवर जारी रहता है।
कैसे किया जाता है क्लेम?
दावा करने के लिए नॉमिनी या कानूनी वारिस को फॉर्म 5-IF भरकर कंपनी से सत्यापित कराना होता है। यदि नियोक्ता उपलब्ध न हो, तो गज़टेड अधिकारी, सांसद-विधायक, बैंक मैनेजर या ग्राम प्रधान जैसे अधिकृत व्यक्ति से सत्यापन कराया जा सकता है। क्लेम के लिए जरूरी दस्तावेजों में- मृत्यु प्रमाण पत्र, सक्सेशन सर्टिफिकेट और बैंक डिटेल शामिल होते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकांश कर्मचारी इस मुफ्त सुविधा से अनजान रहते हैं और मुश्किल समय में परिवार बड़ी सहायता से वंचित रह जाता है। इसलिए EPFO ने सभी सदस्यों से अपील की है कि वे अपने पीएफ खाते में नॉमिनी अवश्य अपडेट करें, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में परिवार को तुरंत आर्थिक सहारा मिल सके।