Edited By Mansa Devi,Updated: 30 Nov, 2025 05:26 PM

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते एयर पॉल्यूशन का असर लोगों की सेहत पर लगातार दिखाई दे रहा है। ऐसे में हाल ही में एक पांच साल के बच्चे का टॉन्सिल निकालने का मामला सामने आया है, जिसमें बच्चे की मां ने प्रदूषण को इसका मुख्य कारण बताया।
नेशनल डेस्क: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते एयर पॉल्यूशन का असर लोगों की सेहत पर लगातार दिखाई दे रहा है। ऐसे में हाल ही में एक पांच साल के बच्चे का टॉन्सिल निकालने का मामला सामने आया है, जिसमें बच्चे की मां ने प्रदूषण को इसका मुख्य कारण बताया।
परिवार ने साझा की परेशानियों की कहानी
साक्षी पाहवा, जो नोएडा सेक्टर 143 में रहती हैं, ने बताया कि उनके बेटे को पिछले दो सालों से सांस लेने में दिक्कत, नाक बंद होना, टॉन्सिल में सूजन और लगातार एलर्जी की समस्या रही। उन्होंने कहा कि परिवार दो साल पहले सिरसा से नोएडा शिफ्ट हुआ और इसके बाद बेटे की स्वास्थ्य समस्याएँ शुरू हुईं। साक्षी के पति, सचिन कंबोज ने कहा, “पहले हमें लगा यह सिर्फ मौसमी फ्लू है, लेकिन बेटे की हालत लगातार बिगड़ती गई। लगातार खांसी, जुकाम और एलर्जी की वजह से उसे सांस लेने में कठिनाई होने लगी। होम्योपैथी और एलोपैथी दोनों तरह के इलाज से कोई फायदा नहीं हुआ।”
डॉक्टर ने बताई सर्जरी की जरूरत
बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर ने बताया कि लगातार गंदी हवा और एलर्जी के कारण बच्चे के एडेनॉइड्स और टॉन्सिल बढ़ गए थे। इसके चलते एडेनोइडेक्टॉमी और टॉन्सिल्लेक्टॉमी विद टर्बिनेट रिडक्शन सर्जरी कराना जरूरी हो गया, ताकि बच्चे की नाक और सांस की नली साफ हो सके और उसकी नींद और स्वास्थ्य में सुधार हो। डिस्चार्ज समरी के अनुसार, बच्चे को एडेनॉइड और टॉन्सिल की वृद्धि के साथ-साथ टर्बिनेट हाइपरट्रॉफी (नाक के अंदर सूजन) की वजह से सांस लेने में गंभीर दिक्कत थी। नाक के रास्ते बंद होने से नाक से सांस लेना मुश्किल हो गया था, नींद में खर्राटे आते थे और निगलते समय दर्द या बेचैनी महसूस होती थी।
प्रदूषण और सांस की समस्याओं का संबंध
डॉक्टर शशिधर ने बताया, “कोविड लॉकडाउन के दौरान इस तरह के मामले लगभग गायब हो गए थे, लेकिन हाल ही में फिर से बढ़ गए हैं। यह साफ संकेत है कि प्रदूषण एडेनॉइड और टॉन्सिल की सूजन जैसी सांस की समस्याओं को जन्म देने में अहम भूमिका निभा रहा है।” उन्होंने आगे कहा कि लगातार प्रदूषण के संपर्क में रहने वाले बच्चों में सांस की नली और नाक में सूजन, एलर्जी और टॉन्सिल वृद्धि जैसी समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं।