भारत और चीन में 11वें दौर की सैन्य वार्ता, पूर्वी लद्दाख के बाकी क्षेत्रों से सैन्य वापसी पर जोर

Edited By Updated: 10 Apr, 2021 09:02 PM

india and china hold 11th round of military talks

उसने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने मौजूदा समझौतों एवं व्यवस्थाओं के अनुसार लंबित मुद्दों के शीघ्र निपटारे की जरूरत पर सहमति जताई।'''' सेना ने कहा कि इस संदर्भ में इसबात को प्रमुखता से रखा गया कि अन्य क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी से...

नेशनल डेस्क: भारत और चीन ने 11वें दौर की सैन्य वार्ता में पूर्वी लद्दाख में जमीनी स्तर पर संयुक्त रूप से स्थिरता बनाये रखने तथा किसी भी नयी घटना को टालने पर सहमति व्यक्त की। वार्ता के एक दिन बाद भारतीय सेना ने शनिवार को कहा कि दोनों पक्ष मौजूदा समझौतों एवं व्यवस्थाओं के अनुसार लंबित मुद्दों को शीघ्र निपटाने की आवश्यकता पर सहमति जताई। इसने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों के पीछे हटने से संबंधित बाकी मुद्दों के समाधान को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया। ''

उसने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने मौजूदा समझौतों एवं व्यवस्थाओं के अनुसार लंबित मुद्दों के शीघ्र निपटारे की जरूरत पर सहमति जताई।'' सेना ने कहा कि इस संदर्भ में इसबात को प्रमुखता से रखा गया कि अन्य क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी से दोनों सैन्यबलों के बीच तनाव कम करने पर गौर करने तथा शांति की पूर्ण बहाली सुनिश्चित करने और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा। उसने कहा, ‘‘दोनों पक्ष इस बात पर राजी थे कि अपने नेताओं से मार्गदर्शन एवं सहमति प्राप्त करना, संवाद जारी रखना तथा बाकी मुद्दों के यथाशीघ्र परस्पर स्वीकार्य हल की दिशा में काम करना अहम है। '' उसने कहा, ‘‘वे सीमावर्ती क्षेत्र में जमीनी स्तर पर संयुक्त रूप से स्थिरता बनाये रखने तथा किसी भी नयी घटना से बचने पर सहमत हुए हैं। ''

कोर कमांडर स्तर की 11 वें दौर की वार्ता पूर्वी लद्दाख में चुशूल सीमा चौकी पर भारतीय क्षेत्र में हुई । वार्ता पूर्वाह्न साढ़े दस बजे शुरू हुई और रात साढ़े 11 बजे खत्म हुई। पिछले साल पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बीच भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध पैदा हो गया था तथा दोनों ही पक्ष धीरे धीरे हजारों सैनिकों एवं युद्धक अस्त्रों के साथ अपनी तैनाती बढ़ाते चले गये। कई दौर की सैन्य एवं राजनयिक वार्ता के फलस्वरूप दोनों पक्षों ने पीछे हटने पर बनी सहमति के आधार पर फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी तटों पर सैनिकों एवं युद्धक अस्त्रों को हटाने का काम पूरा किया। भारत इस बात पर बल देता रहा है कि देपसांग, हॉटस्प्रिंग, गोगरा समेत सभी लंबित मुद्दों का समाधान दोनों देशों के संपूर्ण संबंधों के लिए अनिवार्य है। भाषा राजकुमार पवनेश पवनेश 1004 2042 दिल्ली नननन

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