Edited By Tanuja,Updated: 22 Dec, 2025 11:18 AM

भारत-चीन संबंधों में एक और सकारात्मक कदम के तहत चीन ने भारत में ऑनलाइन वीज़ा आवेदन प्रणाली शुरू कर दी है। इससे भारतीय यात्रियों के लिए वीज़ा प्रक्रिया आसान होगी। यह फैसला उड़ानों, पर्यटन और लोगों के आपसी संपर्क को बढ़ावा देगा।
Bejing: भारत और चीन के बीच लोगों के आपसी संपर्क को आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए चीन ने भारत में आधिकारिक रूप से ऑनलाइन वीज़ा आवेदन प्रणाली शुरू कर दी है। यह नई व्यवस्था 22 दिसंबर 2025 से लागू हो गई है। चीनी दूतावास ने जानकारी दी कि अब भारतीय नागरिक चीन ऑनलाइन वीज़ा एप्लिकेशन सिस्टम के जरिए वीज़ा आवेदन फॉर्म भर सकते हैं और जरूरी दस्तावेज डिजिटल रूप से अपलोड कर सकते हैं। इसके लिए आवेदकों को आधिकारिक वेबसाइट visaforchina.cn/DEL3_EN/qianzh पर जाना होगा।
इस नई प्रणाली के तहत वीज़ा प्रक्रिया का शुरुआती चरण पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगा, जिससे आवेदकों का समय बचेगा और प्रक्रिया ज्यादा सरल व पारदर्शी होगी। हालांकि, नई दिल्ली स्थित चीनी वीज़ा आवेदन सेवा केंद्र पहले की तरह काम करता रहेगा। यह केंद्रशिवाजी स्टेडियम मेट्रो स्टेशन, कनकोर्स फ्लोर, बाबा खड़क सिंह मार्ग, कनॉट प्लेस में स्थित है और सोमवार से शुक्रवार सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक खुला रहता है। वीज़ा सेवा केंद्र की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि आवेदकों को पहले वेबसाइट पर खाता बनाकर लॉग-इन करना होगा, फिर ऑनलाइन फॉर्म भरकर सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे।
महत्वपूर्ण बात यह है कि पासपोर्ट और मूल दस्तावेज जमा करने से पहले आवेदन की स्थिति “ऑनलाइन रिव्यू पूरा” दिखनी चाहिए और कन्फर्मेशन ई-मेल मिलना जरूरी होगा। इस पहल को भारत-चीन के बीच लोगों के आपसी संपर्क को बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है। इससे पहले, भारत के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की थी कि चीनी नागरिकों के लिए पर्यटन और व्यापार वीज़ा व्यवस्था पूरी तरह बहाल हो चुकी है। यह व्यवस्था 2020 के सीमा विवाद के बाद लगभग पांच साल तक आंशिक रूप से निलंबित रही थी।
2025 में दोनों देशों के बीच हुए विश्वास बहाली उपायों के तहत:
- अक्टूबर 2025 में सीधी व्यावसायिक उड़ानें फिर शुरू की गईं
- कैलाश मानसरोवर यात्रा को दोबारा शुरू किया गया
- और अब वीज़ा प्रक्रिया को भी आसान बनाया गया है
- विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से पर्यटन, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नई गति मिलेगी।
- दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देशों के रिश्तों में सुधार आएगा।