स्टारलिंक पर भारत सरकार सख्त, सभी को नहीं मिलेगी यह सुविधा और स्पीड भी रहेगी सीमित, जानें क्या है पूरा मामला

Edited By Updated: 29 Jul, 2025 07:35 PM

india government approves starlink satellite internet services 20 million users

भारत सरकार ने एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink की सेवाओं को लेकर अहम फैसला लिया है। केंद्रीय दूरसंचार राज्यमंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर ने बताया कि भारत में Starlink को केवल 20 लाख उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान करने की अनुमति दी गई है।

नेशनल डेस्क : भारत सरकार ने एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink की सेवाओं को लेकर अहम फैसला लिया है। केंद्रीय दूरसंचार राज्यमंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर ने बताया कि भारत में Starlink को केवल 20 लाख उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान करने की अनुमति दी गई है। साथ ही, इस सेवा की अधिकतम डाउनलोड स्पीड 200Mbps तक सीमित रहेगी। यह फैसला घरेलू टेलीकॉम कंपनियों जैसे BSNL पर असर पड़ने की आशंका को खारिज करते हुए लिया गया है।

ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
सरकार ने स्पष्ट किया है कि Starlink की सेवाएं मुख्य रूप से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में दी जाएंगी, जहां BSNL की मजबूत उपस्थिति है। हालांकि, Starlink की शुरुआती लागत महंगी होगी और ग्राहकों को मासिक शुल्क लगभग 3,000 रुपये तक देना पड़ सकता है।

BSNL 4G का विस्तार पूरा
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि BSNL की 4G सेवाओं का रोलआउट पूरी तरह से पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि फिलहाल टैरिफ बढ़ाने की कोई योजना नहीं है क्योंकि सरकार पहले बाजार में पकड़ मजबूत करना चाहती है।

Starlink को मिला आधिकारिक लाइसेंस
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी INSPACe ने Starlink को देश में सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा प्रदान करने का पांच वर्षों के लिए लाइसेंस प्रदान किया है। इसके बाद कंपनी अब अपने Starlink Gen1 Constellation के माध्यम से भारत में इंटरनेट सेवा शुरू कर सकती है। अब सिर्फ स्पेक्ट्रम फीस और दूरसंचार विभाग की मंजूरी बाकी है।

TRAI का नया शुल्क प्रस्ताव
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए नया फ्रेमवर्क पेश किया है। इसके तहत Starlink जैसी कंपनियों को अपने राजस्व का 4 प्रतिशत सरकार को शुल्क के तौर पर देना होगा। यह शुल्क शहरी क्षेत्रों में प्रति ग्राहक लगभग 500 रुपये वार्षिक अतिरिक्त बोझ डाल सकता है। हालांकि, ग्रामीण इलाकों के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क प्रस्तावित नहीं किया गया है। इस निर्णय के माध्यम से सरकार तकनीकी प्रगति और ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि घरेलू टेलीकॉम कंपनियों को किसी भी तरह की अनुचित प्रतिस्पर्धा का सामना न करना पड़े।

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