सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की बड़ी छलांग: 'मेड इन इंडिया' चिप्स से संचालित दूरसंचार प्रणाली को मिला टीईसी प्रमाणन

Edited By Updated: 07 Sep, 2025 07:48 PM

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भारत की सेमीकंडक्टर क्षमताओं को बड़ी सफलता मिली है। पहली बार, मेड इन इंडिया चिप्स से संचालित दूरसंचार प्रणाली को टीईसी (टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर) प्रमाणन मिला है। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे भारत की सेमीकंडक्टर कहानी में "बड़ी छलांग"...

नेशनल डेस्कः भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता को मजबूती देने वाली एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है। पहली बार, पूरी तरह से स्वदेशी चिप्स से संचालित एक दूरसंचार प्रणाली को भारत सरकार के दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (TEC) से आधिकारिक प्रमाणन प्राप्त हुआ है। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ऐतिहासिक सफलता की घोषणा करते हुए इसे "भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में एक बड़ी छलांग" करार दिया है। यह उपलब्धि न केवल 'मेक इन इंडिया' पहल की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि वैश्विक सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका को भी रेखांकित करती है।

आईटी मंत्री ने कहा, “भारत की सेमीकंडक्टर कहानी के लिए बड़ी छलांग” अपने पोस्ट में मंत्री ने लिखा, “भारत की सेमीकंडक्टर कहानी के लिए बड़ी छलांग! पहली बार, 'मेड इन इंडिया' चिप्स पर चलने वाली एक दूरसंचार प्रणाली ने मानकों और गुणवत्ता परीक्षणों (टीईसी प्रमाणन) को पार कर लिया है।” यह उपलब्धि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत चल रहे सेमीकंडक्टर अभियान को मजबूती देने वाला एक अहम कदम माना जा रहा है।


क्या है टीईसी प्रमाणन?

टीईसी (Telecommunication Engineering Center) भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) के अंतर्गत कार्यरत एक संस्था है, जो दूरसंचार उपकरणों और प्रणालियों के गुणवत्ता और प्रदर्शन मानकों का परीक्षण एवं प्रमाणन करती है। यह प्रमाणन इस बात की पुष्टि करता है कि संबंधित प्रणाली ने तकनीकी कसौटियों पर सफलता पूर्वक खरा उतरते हुए विश्वसनीयता और दक्षता का प्रदर्शन किया है।

यह सफलता केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत के सेमीकंडक्टर डिज़ाइन, विकास और निर्माण क्षमताओं में आई तेजी की भी प्रतीक है। यह भारत को वैश्विक दूरसंचार और इलेक्ट्रॉनिक्स पारिस्थितिकी तंत्र में एक विश्वसनीय और रणनीतिक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। हालांकि भारत को अत्याधुनिक (cutting-edge) सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन यूनिट (FAB) स्थापित करने में अभी और प्रगति करनी है, लेकिन देश ने 28nm से 65nm नोड रेंज में निर्माण क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में रणनीतिक फोकस दिखाया है। यह रणनीति ऑटोमोटिव, टेलीकॉम और इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में बढ़ती मांग को पूरा करने के उद्देश्य से तैयार की गई है।


रिपोर्ट के अनुसार

एक विस्तृत विश्लेषण में बैस्टियन रिसर्च ने बताया कि जहां एक ओर वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग अत्याधुनिक नोड्स की दौड़ में लगा है, वहीं भारत ने एक अलग राह अपनाई है आवश्यक और बड़े पैमाने पर उपयोग होने वाले चिप्स का निर्माण कर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण अंतर भरने की तैयारी कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत पहले ही विश्व स्तरीय एकीकरण सेवाएं प्रदान कर रहा है, और उसकी सबसे बड़ी ताकत है वैश्विक मानकों के अनुरूप प्रतिभा और क्षमता। साथ ही, देश उन्नत सेमीकंडक्टर-आधारित समाधानों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपने उत्पादन और डिजाइन क्षमताओं को तेज़ी से बढ़ा रहा है।

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