भारत ने ट्रंप के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलाः रूस में अमेरिका पर किया कड़ा प्रहार, अफगानिस्तान का दिया साथ

Edited By Updated: 08 Oct, 2025 12:51 PM

india stands firm against trump s afghan base plan

भारत ने रूस, चीन, ईरान और पाकिस्तान के साथ मिलकर अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य ढांचे की वापसी के खिलाफ कड़ा विरोध जताया। यह विरोध ट्रंप की उस इच्छा के बाद सामने आया, जिसमें उन्होंने तालिबान से बगराम एयरबेस अमेरिका को सौंपने की बात कही थी।

International Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अफगानिस्तान में बगराम एयरबेस को फिर से सक्रिय करने की मंशा के खिलाफ भारत ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है। रूस की राजधानी मॉस्को में आयोजित “मॉस्को फॉर्मेट वार्ता” में भारत ने रूस, चीन, ईरान, पाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और कजाकिस्तान के साथ मिलकर अफगानिस्तान में विदेशी सैन्य ढांचे की तैनाती के प्रयासों का विरोध किया। यह विरोध सीधे तौर पर ट्रंप प्रशासन की उस योजना के खिलाफ माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने हाल ही में कहा था कि “तालिबान को बगराम एयरबेस अमेरिका को सौंप देना चाहिए, क्योंकि यह अमेरिकी करदाताओं के पैसे से बना था।”

 

मॉस्को वार्ता में भारत की स्पष्ट स्थिति
मॉस्को में हुई इस अहम बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व राजदूत विनय कुमार ने किया। भारतीय दूतावास ने बयान जारी कर कहा-“भारत एक स्वतंत्र, शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान का समर्थन करता है। ऐसा अफगानिस्तान न केवल वहां के लोगों बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा के लिए आवश्यक है।” भारत के इस रुख ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी विदेशी ताकत द्वारा अफगानिस्तान को सैन्य ठिकाने के रूप में इस्तेमाल किए जाने के खिलाफ है।


रूस-चीन भी अमेरिका के खिलाफ एकजुट
बैठक में शामिल देशों ने अफगानिस्तान और पड़ोसी देशों में किसी भी विदेशी सैन्य ढांचे की स्थापना को “अस्वीकार्य” बताया।
साझा बयान में कहा गया-“ऐसे प्रयास क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के हितों की पूर्ति नहीं करते। अफगानिस्तान को आतंकवाद खत्म करने और उसकी धरती को किसी भी देश के खिलाफ इस्तेमाल होने से रोकने के लिए मदद दी जानी चाहिए।”रूस, चीन, ईरान और भारत सहित सभी देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि अफगानिस्तान की स्थिरता बिना बाहरी दखल के ही संभव है।

 

तालिबान मंत्री की मौजूदगी बनी चर्चा का विषय
दिलचस्प बात यह रही कि इस बार की मॉस्को वार्ता में तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने भी हिस्सा लिया। यह पहली बार है जब तालिबान प्रतिनिधि इस फोरम में औपचारिक रूप से शामिल हुए। विश्लेषकों का मानना है कि भारत द्वारा इस बैठक में भाग लेना इस बात का संकेत है कि वह क्षेत्रीय शांति और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के नए समीकरणों में सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!