चीन-पाक को जवाब देने तैयार भारतीय सेना, 15 दिन में बदलेगा इंडियन आर्मी का चेहरा

Edited By Updated: 14 Aug, 2025 12:27 PM

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भारत की रक्षा तैयारियों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। भारतीय सेना आने वाले 15 दिनों में एक नई ताकत के रूप में सामने आएगी। 'डीकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन एक्शन' नामक योजना के पहले चरण को अगस्त के अंत तक पूरा किया जाना है। इसका उद्देश्य सेना को आधुनिक,...

नेशनल डेस्क: भारत की रक्षा तैयारियों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। भारतीय सेना आने वाले 15 दिनों में एक नई ताकत के रूप में सामने आएगी। 'डीकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन एक्शन' नामक योजना के पहले चरण को अगस्त के अंत तक पूरा किया जाना है। इसका उद्देश्य सेना को आधुनिक, घातक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है। यह बदलाव भारत की सीमाओं पर चीन और पाकिस्तान की दोहरी चुनौती को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

क्या है 'डीकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन एक्शन'?

यह एक दीर्घकालिक योजना है जिसका उद्देश्य सेना को भविष्य की लड़ाइयों के लिए तैयार करना है। इस योजना का पहला चरण अगस्त 2025 के अंत तक पूरा किया जाएगा। इसमें तीन नई इकाइयों दिव्यास्त्र बैटरी, शक्तिबाण रेजिमेंट और भैरव बटालियन — को ऑपरेशनल किया जा रहा है। इनके अलावा रुद्र ब्रिगेड और ड्रोन प्लाटून जैसे अत्याधुनिक बल भी भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे।

दिव्यास्त्र बैटरी: तोपों के साथ अब ड्रोन और म्यूनिशन भी

दिव्यास्त्र बैटरी भारतीय सेना की नई शक्ति बनकर उभर रही है। इसमें पारंपरिक आर्टिलरी गन के साथ-साथ लॉयटरिंग म्यूनिशन और अत्याधुनिक ड्रोन शामिल होंगे। पहले चरण में 5 दिव्यास्त्र बैटरियों को पूरी तरह से ऑपरेशनल बनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखना और समय रहते सटीक हमला करना है।

शक्तिबाण रेजिमेंट: सिर्फ ड्रोन और स्मार्ट हथियार

शक्तिबाण रेजिमेंट पूरी तरह से ड्रोन और लॉयटरिंग म्यूनिशन पर आधारित है। इसमें कोई तोप या भारी हथियार शामिल नहीं होंगे। यह रेजिमेंट दुश्मन के ठिकानों पर अचानक और तेज हमलों के लिए तैयार की जा रही है। पहले चरण में 3 शक्तिबाण रेजिमेंट तैयार की जाएंगी।

भैरव बटालियन: सीमाओं पर दुश्मन के लिए नया डर

भैरव बटालियन एक नई तरह की लाइट कमांडो यूनिट होगी, जो स्पेशल फोर्सेस और इंफेंट्री के बीच की कड़ी होगी। ये यूनिट भारी हथियारों से लैस नहीं होगी, बल्कि इसका फोकस दुश्मन पर तेज, सटीक और चौंकाने वाले हमलों पर होगा। पहले चरण में 5 भैरव बटालियन तैयार की जा रही हैं।

हर इंफेंट्री बटालियन में ड्रोन प्लाटून

तकनीक के क्षेत्र में सेना ने एक और बड़ा कदम उठाया है। अब हर इंफेंट्री बटालियन में एक ड्रोन प्लाटून तैनात की जाएगी। यह प्लाटून निगरानी के साथ-साथ आक्रामक कार्रवाई में भी सक्षम होगी। अगस्त के अंत तक सभी ड्रोन प्लाटून पूरी तरह से सक्रिय कर दी जाएंगी।

रुद्र ब्रिगेड: सभी सेनाओं का संयुक्त बल

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद 'रुद्र ब्रिगेड' की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। यह एक ऑल-आर्म्स स्ट्राइक फोर्स होगी, जिसमें इंफेंट्री, मैकेनाइज्ड यूनिट, टैंक, आर्टिलरी, स्पेशल फोर्सेस और ड्रोन एक साथ मिलकर ऑपरेशन को अंजाम देंगे। अभी तक दो इंफेंट्री ब्रिगेड को रुद्र ब्रिगेड में बदला जा चुका है।

चीन और पाकिस्तान की रणनीति के जवाब में भारत का कदम

चीन पहले ही अपने सैन्य क्षेत्रों को पांच थिएटर कमांड में बदल चुका है। भारतीय सीमा के पास वेस्टर्न थिएटर कमांड में चीन की थल और वायुसेना एक साथ तैनात रहती हैं। वहीं पाकिस्तान, चीन के साथ मिलकर अपनी 'आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड' बना रहा है। भारत के यह नए सैन्य संगठन इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार किए जा रहे हैं।

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