Edited By Mehak,Updated: 14 Dec, 2025 01:18 PM

उदयपुर संभाग और राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के मरीजों के लिए बड़ी राहत है। राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत आउटबाउंड पोर्टेबिलिटी लागू कर दिया है। इसके अनुसार 15 दिसंबर से राजस्थान का कोई भी आयुष्मान कार्ड धारक देश के किसी भी हिस्से,...
नेशनल डेस्क : उदयपुर संभाग और राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। लंबे समय से चली आ रही इलाज की समस्या अब खत्म होने जा रही है। राज्य सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत आउटबाउंड पोर्टेबिलिटी लागू करने का फैसला लिया है। इसके तहत 15 दिसंबर से राजस्थान का कोई भी आयुष्मान कार्ड धारक देश के किसी भी हिस्से में, खासकर गुजरात के मान्यता प्राप्त अस्पतालों में, कैशलेस इलाज करा सकेगा।
क्यों थी परेशानी
अब तक पोर्टेबिलिटी व्यवस्था लागू नहीं होने के कारण राजस्थान के कई मरीजों को दूसरे राज्यों में इलाज के लिए भुगतान करना पड़ता था। खासतौर पर उदयपुर संभाग और आसपास के जिलों के लोग वर्षों से बेहतर इलाज के लिए गुजरात पर निर्भर हैं, लेकिन वहां आयुष्मान कार्ड मान्य नहीं होने से मरीजों और उनके परिवारों को आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।
15 दिसंबर से शुरू होगा नया सिस्टम
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, तकनीकी कारणों से अब तक यह सुविधा शुरू नहीं हो पाई थी। अब प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और 15 दिसंबर से आयुष्मान योजना का लाभ पूरे देश में मिलने लगेगा। इससे जरूरतमंद मरीजों को इलाज के लिए घर-बार या जमीन बेचने जैसी मजबूरी नहीं रहेगी।
सांसद की पहल लाई बदलाव
इस फैसले के पीछे उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत की अहम भूमिका रही। मरीजों की परेशानी सामने आने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। सीमावर्ती जिलों के लोगों की मजबूरी बताते हुए उन्होंने सरकार से जल्द समाधान की मांग की थी।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागों को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद राज्य सरकार ने आउटबाउंड पोर्टेबिलिटी लागू करने का निर्णय लिया। इस फैसले से राजस्थान के हजारों मरीजों को सीधा लाभ मिलेगा और उन्हें अब दूसरे राज्यों में भी मुफ्त और कैशलेस इलाज की सुविधा मिल सकेगी।