Edited By Anu Malhotra,Updated: 05 Sep, 2025 02:03 PM

पंजाब के सीमा क्षेत्र में बाढ़ का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, खासकर फिरोजपुर जिले में भारत‑पाक सीमा पर आराजी एडवांस तटबंध टूटने की खबर से हालात बेहद चिंताजनक हैं। सतलुज और रावी नदियों के उफान से उठ रही लहरों ने सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती...
नेशनल डेस्क: पंजाब के सीमा क्षेत्र में बाढ़ का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, खासकर फिरोजपुर जिले में भारत‑पाक सीमा पर आराजी एडवांस तटबंध टूटने की खबर से हालात बेहद चिंताजनक हैं। सतलुज और रावी नदियों के उफान से उठ रही लहरों ने सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दे डाला है, लेकिन देशभक्ति से सरोकार रखने वाले ग्रामीणों ने तड़पता मोर्चा संभालने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
फिरोजपुर में तटबंध टूट, ग्रामीणों ने संभाला मोर्चा
सतलुज और रावी नदियों की उफानी स्थिति ने बीएसएफ की बाड़ में कई हिस्सों को ध्वस्त कर दिया है। ग्रामीण मुस्तैदी के साथ मिट्टी ढोकर और मिट्टी के बोरे भरकर तटबंध को पुनर्स्थापित करने का काम युद्ध स्तर पर कर रहे हैं। भंयकर तबाही के बीच गांव वाले अब पहरा दे रहे है।
चेकपोस्ट खाली और बीएसएफ की सतर्कता जारी
सीमा के कई चेकपोस्ट, विशेष रूप से गुरदासपुर में करीब 30–40 आउटपोस्ट पानी में डूब गए, लेकिन किसी की जान को नुकसान नहीं हुआ। बीएसएफ ने जवानों को सुरक्षित निकाल लिया है, और ड्रग तस्करों की गतिविधियों को रोकने में भी सफलता मिली।
गुरदासपुर, अमृतसर, पठानकोट में कई टूटे बांध
सीमावर्ती इन तीन जिलों में सुरक्षा-बांधों के कई हिस्से फटने की रिपोर्ट की गई है। अधिकारियों की तत्परता और ग्रामीणों के सहयोग ने बचाव प्रयासों को गति दी।
सीमा पार भी बाढ़ का प्रभाव
पाकिस्तानी रेंजर्स की चौकियां भी प्रभावित
रावी नदी की उफान भरी स्थिति ने दोनों देशों की सीमा व्यवस्था को प्रभावित किया है। पाकिस्तान की ओर की चौकियां भी बाढ़ की मार झेल रही हैं, और रेंजर्स को अपनी पोस्ट छोड़कर पीछे हटना पड़ा।
BSF की तैयारी बनी राहत की उम्मीद
बीएसएफ ने यह स्पष्ट किया है कि सतलुज और रावी की धारा से निपटने में कारगर हैं। इससे यह साबित होता है कि जल्दबाजी में बनाए गए बचाव ढांचे प्रभावी साबित हो रहे हैं।