Edited By Rohini Oberoi,Updated: 11 Dec, 2025 01:32 PM

हनुमानगढ़ जिले में निर्माणाधीन एथेनॉल फैक्टरी (Under-Construction Ethanol Factory) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Agitation) गुरुवार को भी तनावपूर्ण बना रहा। किसान संगठनों और विपक्षी नेताओं ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं यह...
नेशनल डेस्क। हनुमानगढ़ जिले में निर्माणाधीन एथेनॉल फैक्टरी (Under-Construction Ethanol Factory) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Agitation) गुरुवार को भी तनावपूर्ण बना रहा। किसान संगठनों और विपक्षी नेताओं ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं यह प्रदर्शन जारी रहेगा। इलाके में इंटरनेट सेवाएं लगातार दूसरे दिन भी बंद रहीं।
बुधवार को भड़की थी भीषण हिंसा
बुधवार को राठीखेड़ा गांव स्थित ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड के निर्माण स्थल पर सैकड़ों किसानों ने धावा बोल दिया जिसके बाद हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने फैक्टरी की दीवार तोड़ दी साथ ही दफ़्तर और कई वाहनों में आग लगा दी। जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो दोनों पक्षों में भिड़ंत हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज और आँसू गैस (Tear Gas) का प्रयोग किया। किसानों ने जवाबी कार्रवाई में एक पुलिस जीप समेत दर्जनभर से अधिक वाहनों को फूंक दिया। इस हिंसा में 50 से अधिक लोग घायल हुए जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं। कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया के सिर में चोट आई।
डर से 30 परिवार घर छोड़कर भागे
फैक्टरी के पास रहने वाले करीब 30 परिवार डर की वजह से अपने घर छोड़कर जा चुके हैं। फैक्टरी हटाओ संघर्ष समिति के नेता रवजोत सिंह ने दावा किया कि झड़प में 70 से अधिक लोग घायल हुए और 100 से ज़्यादा किसान रातभर गुरुद्वारे में रुके रहे।
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प्रशासन और किसानों के दावे
हनुमानगढ़ कलेक्टर (डॉ. खुशाल यादव): एथेनॉल प्लांट को सभी ज़रूरी स्वीकृतियां (All Necessary Approvals) मिल चुकी हैं। यह फैक्टरी 2022 में राइजिंग राजस्थान समिट के दौरान स्वीकृत हुई थी। शांतिपूर्ण महापंचायत की अनुमति थी लेकिन कुछ असामाजिक तत्व निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए फैक्टरी की ओर बढ़ गए। क़ानून हाथ में लेने वालों पर कार्रवाई की जा रही है।
किसान संगठन: प्रशासन ने लिखित आश्वासन नहीं दिया। जब तक पर्यावरण मंजूरी (Environmental Clearance) और स्थानीय निवासियों की सहमति नहीं मिलती फैक्टरी नहीं चलने दी जाएगी।
कांग्रेस नेता (शबनम गोडारा): हिंसा के लिए पूरी तरह प्रशासन ज़िम्मेदार है। उनकी मांगों को नज़रअंदाज़ कर प्रशासन ने हालात बिगाड़े।
आंदोलन को मिला समर्थन
गुरुवार को दुकानें खुल गईं और हालात सामान्य दिख रहे हैं लेकिन किसान गुरुद्वारा सिंह सभा में जमा होते रहे। आंदोलन को कांग्रेस, सीपीआई(एम) और हरियाणा-पंजाब के किसान संगठनों का समर्थन मिल रहा है। चंडीगढ़ स्थित ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड का कहना है कि यह अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट (Grain-Based Ethanol Plant) केंद्र के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम को बढ़ावा देगा लेकिन किसान अब भी अपनी मांगों पर अड़े हैं।