'हमले की कोई मंशा नहीं, लेकिन नहीं रुका तो...' ईरान की इजरायल को कड़ी चेतावनी

Edited By Updated: 27 Jun, 2025 04:06 PM

iran warns israel  no intent to attack but will respond if not stopped

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इजरायल को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इजरायल हमला बंद नहीं करता है, तो ईरान भी चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान की खुद लड़ाई जारी रखने की कोई मंशा नहीं है, बशर्ते इजरायल भी हमला रोक दे।

नेशनल डेस्क: ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इजरायल को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इजरायल हमला बंद नहीं करता है, तो ईरान भी चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान की खुद लड़ाई जारी रखने की कोई मंशा नहीं है, बशर्ते इजरायल भी हमला रोक दे। अराघची ने दोहराया कि ईरान ने अब तक इजरायल के साथ किसी युद्धविराम को स्वीकार नहीं किया है और इसके लिए दोनों पक्षों की बातचीत और सहमति ज़रूरी है।

परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान- 

ईरान के परमाणु ठिकानों पर हाल ही में हुए हमलों को लेकर विदेश मंत्री अराघची ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इन हमलों से 'गंभीर और बड़ा' नुकसान हुआ है। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि फिलहाल तेहरान की ओर से अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के निरीक्षकों को जांच की अनुमति देने की कोई योजना नहीं है। अराघची के अनुसार, ईरानी अधिकारी अपने परमाणु कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और इसी के बाद ईरान के भविष्य के कूटनीतिक दृष्टिकोण तय किए जाएंगे। यह बयान ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को और बढ़ा सकता है।

ट्रंप का दावा झूठा

ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ईरान अमेरिका से समझौते के लिए तैयार है और अगले सप्ताह दोनों देशों के बीच बातचीत होने वाली है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने साफ तौर पर कहा कि ऐसी कोई बातचीत तय नहीं है।

व्हाइट हाउस ने भी ट्रंप के बयान से बनाई दूरी

खास बात यह है कि खुद व्हाइट हाउस ने भी ट्रंप के इस बयान से दूरी बना ली है। ट्रंप ने 25 जून को नीदरलैंड के हेग में नाटो समिट के दौरान बैठक की बात कही थी। लेकिन ठीक अगले ही दिन, 26 जून को व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने बयान दिया कि अभी अमेरिका और ईरान के बीच किसी भी बैठक का कोई कार्यक्रम तय नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिकी दूत मिडिल ईस्ट में कतर जैसे देशों से संपर्क में हैं, लेकिन किसी भी बातचीत की पुष्टि नहीं की जा सकती। यह घटनाक्रम अमेरिका और ईरान के बीच तनावपूर्ण संबंधों की जटिलता को दर्शाता है, जहां बयानों और वास्तविकताओं के बीच अक्सर विरोधाभास देखने को मिलता है।

 

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