अंतरिक्ष में प्रेग्नेंसी और बच्चे का जन्म संभव है क्या? रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

Edited By Updated: 07 Aug, 2025 05:48 AM

is pregnancy and childbirth possible in space

मानव को मंगल और चंद्रमा पर बसाने की तैयारी तेज हो रही है। इस दौरान एक महत्वपूर्ण सवाल भी सामने आया है: क्या अंतरिक्ष में प्रेग्नेंसी, प्रसव और नवजात बच्चों की देखभाल संभव है?

नेशनल डेस्कः मानव को मंगल और चंद्रमा पर बसाने की तैयारी तेज हो रही है। इस दौरान एक महत्वपूर्ण सवाल भी सामने आया है: क्या अंतरिक्ष में प्रेग्नेंसी, प्रसव और नवजात बच्चों की देखभाल संभव है?

इस सवाल पर रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स के प्रोफेसर एमेरिटस ऑफ कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी, अरुण विवियन होल्डन ने अध्ययन किया। उनकी रिसर्च Pregnancy in Space विषय पर केंद्रित है और यह रिपोर्टें The Conversation (22 जुलाई 2025), Science Alert (28 जुलाई 2025) और Experimental Physiology (27 जून 2025) में प्रकाशित हुई हैं।

अंतरिक्ष में गर्भावस्था: क्या है संभावनाएं?

प्रोफेसर होल्डन की रिसर्च के अनुसार:

  1. गर्भाधान और शुरुआती विकास संभव

    • माइक्रोग्रैविटी में फर्टिलाइजेशन (गर्भाधान) मुश्किल है, लेकिन यदि भ्रूण को पहले से गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाए तो प्रारंभिक विकास संभव है।

    • चूहों पर किए गए प्रयोगों में देखा गया कि भ्रूण का शुरुआती विकास माइक्रोग्रैविटी में हो सकता है।

  2. प्रसव और नवजात बच्चों की देखभाल मुश्किल

    • अंतरिक्ष की माइक्रोग्रैविटी में शारीरिक संबंध और प्रसव करना असंभव है।

    • नवजात बच्चे को दूध पिलाना और उनकी देखभाल करना कठिन होगा, क्योंकि तरल पदार्थ और मानव शरीर अंतरिक्ष में स्थिर नहीं रहते।

  3. कॉस्मिक रेडिएशन का खतरा

    • पृथ्वी की सुरक्षा (वायुमंडल और मैग्नेटिक ग्रैविटी) अंतरिक्ष की हाई-एनर्जी कॉस्मिक किरणों से भ्रूण और नवजात की रक्षा करती है।

    • अंतरिक्ष में कॉस्मिक किरणें भ्रूण के लिए घातक हो सकती हैं, जिससे मृत्यु, विकलांगता या गर्भपात हो सकता है।

    • विशेष रूप से गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में भ्रूण कोशिकाओं का तेजी से विभाजन होता है, इसलिए रेडिएशन का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है।

  4. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित

    • नवजात बच्चों का विकास माइक्रोग्रैविटी में असामान्य होगा।

    • बच्चे सिर उठाने, रेंगने और चलने में सक्षम नहीं होंगे।

    • कॉस्मिक किरणें मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे मेमोरी लॉस और मानसिक विकास की समस्या हो सकती है।

चूहों पर आधारित प्रयोगों से निष्कर्ष

  • प्रोफेसर होल्डन की रिसर्च में चूहों के भ्रूणों पर प्रयोग किए गए।

  • परिणाम: माइक्रोग्रैविटी में भ्रूण का प्रारंभिक विकास संभव, लेकिन पूर्ण गर्भावस्था और जन्म संभव नहीं।

  • मानव पर प्रत्यक्ष अध्ययन अभी तक नहीं हुआ; इसलिए लंबी अवधि वाले मंगल मिशन के लिए ये रिसर्च महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

  • चूहों के अनुभव बताते हैं कि अंतरिक्ष में नवजात बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना अभी तक संभव नहीं है।

क्यों है यह रिसर्च महत्वपूर्ण?

  • लंबी अवधि वाले स्पेस मिशन, जैसे मंगल मिशन, में महिला यात्रियों के लिए गर्भावस्था की संभावना बढ़ सकती है।

  • अंतरिक्ष में सुरक्षित गर्भावस्था, प्रसव और नवजात बच्चों की देखभाल के लिए अभी नई तकनीक और सुरक्षा उपाय विकसित करना जरूरी है।

  • रिसर्च यह भी बताती है कि अंतरिक्ष यात्रा के दौरान मानव प्रजनन और स्वास्थ्य पर गंभीर जोखिम है।

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