Edited By Seema Sharma,Updated: 14 Jan, 2021 03:40 PM
सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन का समाधान निकालने के लिए 4 सदस्यों की कमेटी बनाई थी जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता भूपेंद्र सिंह मान भी शामिल थे। भूपेंद्र सिंह मान ने खुद को इस कमेटी से अलग कर लिया है। मान ने कहा कि कमेटी में उन्हें सदस्य नियुक्त...
नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन का समाधान निकालने के लिए 4 सदस्यों की कमेटी बनाई थी जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता भूपेंद्र सिंह मान भी शामिल थे। भूपेंद्र सिंह मान ने खुद को इस कमेटी से अलग कर लिया है। मान ने कहा कि कमेटी में उन्हें सदस्य नियुक्त करने के लिए वह शीर्ष अदालत के शुक्रगुजार हैं लेकिन किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए वह उन्हें पेश किसी भी पद का त्याग कर देंगे। भूपेंद्र सिंह मान ने बयान जारी किया कि मैं हमेशा किसान भाइयों के साथ खड़ा हूं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी से खुद को अलग कर रहा हूं। किसान पिछले 51 दिनों से दिल्ली के साथ लगती सीमाओं पर धरने पर बैठे हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी किसान सिंघु बॉर्डर डटे हुए हैं और तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
इस कमेटी में चार सदस्य थे-
- भूपेंद्र सिंह मान (भारतीय किसान यूनियन)
- डॉ. प्रमोद कुमार जोशी (अंतर्राष्ट्रीय नीति प्रमुख)
- अशोक गुलाटी (कृषि अर्थशास्त्री)
- अनिल घनवट (शेतकरी संगठन)
सुप्रीम कोर्ट ने इस कमेटी के सदस्यों का चुनाव खुद किया था और उनको 2 महीने के अंदर कृषि कानूनों पर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था। वहीं इसी के साथ सुप्रीम कोर्ठ ने तीनों कृषि कानून को अमल में लाने पर रोक लगा दी थी। बता दें कि भूपेंद्र सिंह मान भारतीय किसान यूनियन के नेता हैं और उनका जन्म 15 सितंबर 1939 को गुजरांवाला (अब पाकिस्तान) में हुआ था। किसानों के संघर्ष में योगदान के लिए मान को 1990 में राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा में नामांकित किया गया था। उन्होंने 1990-1996 तक सेवा की।