Edited By Rohini Oberoi,Updated: 28 Dec, 2025 01:07 PM

अब तक पुरुषों की प्रजनन क्षमता या फर्टिलिटी को केवल पिता बनने की काबिलियत से जोड़कर देखा जाता था लेकिन अमेरिका के यूटा विश्वविद्यालय द्वारा की गई एक नई और विशाल स्टडी ने विज्ञान की दुनिया में हलचल मचा दी है। इस शोध के अनुसार पुरुषों के स्पर्म...
नेशनल डेस्क। अब तक पुरुषों की प्रजनन क्षमता या फर्टिलिटी को केवल पिता बनने की काबिलियत से जोड़कर देखा जाता था लेकिन अमेरिका के यूटा विश्वविद्यालय द्वारा की गई एक नई और विशाल स्टडी ने विज्ञान की दुनिया में हलचल मचा दी है। इस शोध के अनुसार पुरुषों के स्पर्म (शुक्राणु) की गुणवत्ता केवल उनकी फर्टिलिटी का पैमाना नहीं है बल्कि यह उनके पूरे परिवार की सेहत और 'लाइफ एक्सपेक्टेंसी' (जीवन प्रत्याशा) का एक बड़ा संकेत हो सकता है।
स्टडी में क्या आया सामने?
यह शोध यूटा पॉपुलेशन डेटाबेस के माध्यम से किया गया जिसमें 1996 से 2017 के बीच स्पर्म टेस्ट कराने वाले पुरुषों और उनके तीन पीढ़ियों के लगभग 6.6 लाख रिश्तेदारों के डेटा का विश्लेषण किया गया। रिसर्चर्स ने पुरुषों को तीन श्रेणियों में बांटकर अध्ययन किया:
एजोस्पर्मिया (Azoospermia): जिनके वीर्य में स्पर्म की संख्या शून्य थी।
ओलिगोस्पर्मिया (Oligospermia): जिनमें स्पर्म काउंट बहुत ही कम था।
नॉर्मल: जिनका स्पर्म काउंट सामान्य था।

परिवार के लिए खतरे की घंटी?
रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि जिन पुरुषों का स्पर्म काउंट कम था उनके नजदीकी रिश्तेदारों (माता-पिता, भाई-बहन और बच्चे) में समय से पहले मौत का जोखिम उन परिवारों की तुलना में अधिक पाया गया जिनके पुरुषों का स्पर्म काउंट सामान्य था।

इन परिवारों में मौत के मुख्य कारण:
हृदय रोग (Heart Diseases): दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा।
श्वसन संबंधी समस्याएं: फेफड़ों और सांस की पुरानी बीमारियां।
मानसिक स्वास्थ्य: डिप्रेशन और अन्य मानसिक रोगों से जुड़ी जटिलताएं।
मेटाबॉलिक डिसऑर्डर: पाचन तंत्र और डायबिटीज जैसी समस्याएं।
उम्र के साथ बढ़ता जोखिम
स्टडी के अनुसार इस खतरे का असर उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर अलग दिखा। न्यूरोलॉजिकल (दिमाग से जुड़ी) और जन्मजात बीमारियों के कारण मृत्यु दर का जोखिम थोड़ा अधिक पाया गया। लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों जैसे डायबिटीज, चोटों और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के कारण स्वास्थ्य बिगड़ने का खतरा ज्यादा दिखा।

ऐसा क्यों होता है? (वैज्ञानिक कारण)
वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके पीछे तीन बड़े कारण हो सकते हैं। कुछ आनुवंशिक कमियां जो फर्टिलिटी को प्रभावित करती हैं वही परिवार के अन्य सदस्यों में गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकती हैं। एक ही घर में रहने के कारण प्रदूषण, रसायनों और हानिकारक तत्वों का प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है। खानपान की गलत आदतें और तनाव जो स्पर्म की गुणवत्ता घटाते हैं वही परिवार के बाकी लोगों में भी बीमारियां फैलाते हैं।
आम लोगों के लिए क्या है सबक?
यह रिसर्च यह संदेश देती है कि यदि किसी पुरुष को फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या है, तो उसे केवल एक प्रजनन समस्या न मानकर पूरे परिवार के स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो जाना चाहिए। समय पर हेल्थ चेकअप, अच्छा खानपान और सक्रिय जीवनशैली अपनाकर इस जोखिम को कम किया जा सकता है।