Edited By Pardeep,Updated: 23 Nov, 2025 09:54 PM

दुबई एयर शो के दौरान तेजस विमान हादसे में जान गंवाने वाले विंग कमांडर नमांश स्याल का रविवार को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान, भारतीय वायुसेना में अधिकारी उनकी पत्नी विंग कमांडर अफशां बहुत भावुक दिखीं और छह-वर्षीय...
नेशनल डेस्कः दुबई एयर शो के दौरान तेजस विमान हादसे में जान गंवाने वाले विंग कमांडर नमांश स्याल का रविवार को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान, भारतीय वायुसेना में अधिकारी उनकी पत्नी विंग कमांडर अफशां बहुत भावुक दिखीं और छह-वर्षीय बेटी मां से लिपटी रही।
विंग कमांडर के चचेरे भाई ने श्मशान में स्याल के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी, जबकि भारतीय वायुसेना के अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, नेता और स्थानीय निवासी उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए उपस्थित रहे। स्थानीय निवासियों के लिए नमांश एक उत्कृष्ट खिलाड़ी और देशभक्त थे।
स्याल की 21 नवंबर को एयर शो के दौरान लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एसएसी) तेजस को उड़ाते समय हुई दुर्घटना में मौत हो गई थी। उनके पार्थव शरीर को रविवार को तमिलनाडु के सुलुर एयर फोर्स बेस लाया गया, जहां उन्हें पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। बाद में, शव को हिमाचल प्रदेश के गग्गल हवाई अड्डे पर लाया गया और फिर सेना के एक ट्रक में फूलों से सजाकर उनके पैतृक गांव पटियालकर ले जाया गया।

इस दौरान सशस्त्र बलों और प्रशासनिक वाहनों का काफिला ट्रक के पीछे चल रहा था। रास्ते में सैकड़ों लोग कतार में खड़े हुए थे और ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, नम्मू (नमांश) तेरा नाम रहेगा' जैसे नारे लगाए जा रहे थे। जब काफिला गांव पहुंचा तो स्याल के माता-पिता, वर्दी पहनीं उनकी पत्नी अफशां स्याल और छह वर्षीय बेटी गाड़ी से उतरे, जिनके चेहरों पर स्याल के निधन का शोक साफ नजर आ रहा था।
स्याल के पिता जगन्नाथ स्याल ने कहा, “नमांश की मृत्यु देश और मेरे लिए एक बड़ा नुकसान है।” उन्होंने बताया कि देश में केवल चार एरोबैटिक पायलट हैं और नमांश उनमें से एक थे। नमांश और अफशां की पहली मुलाकात पठानकोट में उनकी पहली पोस्टिंग के दौरान हुई थी और बाद में 2014 में उनकी शादी हुई। हिमाचल प्रदेश के खेल मंत्री अनिल गोमा, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आर.एस. बाली, भाजपा नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार, वायुसेना और सेना के अधिकारी, उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक अंतिम संस्कार में उपस्थित थे।