Edited By shukdev,Updated: 12 Sep, 2019 05:01 AM
नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने से देश भर में न सिर्फ आम जनता बल्कि भाजपा शासित राज्य भी इस कड़े नियम के पक्ष में नहीं हैंं। गुजरात की भाजपा सरकार ने सबसे पहले मोटर व्हीकल एक्ट के जुर्माने में भारी कटौती करने का फैसला किया। उसके बाद उत्तराखंड की भाजपा...
नई दिल्ली: नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने से देश भर में न सिर्फ आम जनता बल्कि भाजपा शासित राज्य भी इस कड़े नियम के पक्ष में नहीं हैंं। गुजरात की भाजपा सरकार ने सबसे पहले मोटर व्हीकल एक्ट के जुर्माने में भारी कटौती करने का फैसला किया। उसके बाद उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने भी जुर्माने में 50 प्रतिशत की कटौती कर दी। अब महाराष्ट्र की भाजपा शिवसेना गठबंधन सरकार भी जल्द ही कोई फैसला ले सकती है। इसके संकेत मिलने शुरु हो गए है।
कुछ ही दिन में होने है महाराष्ट्र में चुनाव
महाराष्ट्र में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, राज्य में कभी भी आर्दश आचार संहिता लग सकती है। ऐसे में महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस को राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव का डर सताने लगा है। जिसमें जनता के नाराजगी की चिंता होने लगी है। महाराष्ट्र सरकार ने केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर गुजारिश की है कि चूंकि जनभावना इतने जुर्माने लगाने से आहत है, इसलिए हमारी सरकार नया जुर्माना को लागू करने को हरी झंडी नहीं दे सकती है। इस पत्र में आगामी विधानसभा चुनाव का भी जिक्र किया गया है कि लोगों में इसका गलत संदेश जा सकता है,जिससे हमें बचना चाहिए। महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने नए यातायात नियमों में भारी जुर्माना पर विचार करने की मांग की है।
जनता में नए मोटर एक्ट को लेकर है रोष
महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि इस कानून से जनता में काफी रोष देखने को मिल रहा है। लिहाजा इस पर फिर से विचार किया जाना चाहिए। पत्र में सुझाव दिया गया है कि चालान की राशि काफी ज्यादा रखी गई है। जिसे घटाने पर तत्काल विचार होनी चाहिए। हालांकि नितिन गडकरी ने साफ कर दिया है कि कोई भी राज्य सरकार इस कानून से बंधा हुआ नहीं है, अपने राज्य की जनता को राहत देने के लिए कोई भी कदम उठा सकता है।