Edited By Yaspal,Updated: 16 Jan, 2021 11:03 PM
महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस के टीकाकरण पर 18 जनवरी तक रोक लगा दी है। सूत्रों के मुताबिक, “सरकार की ओर से टीकाकरण रजिस्ट्रेशन के लिए बनाई गई ‘Cowin’ ऐप में तकनीकी खामी आ गई है। इसके चलते महाराष्ट्र सरकार ने टीकाकरण पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी...
नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस के टीकाकरण पर 18 जनवरी तक रोक लगा दी है। सूत्रों के मुताबिक, “सरकार की ओर से टीकाकरण रजिस्ट्रेशन के लिए बनाई गई ‘Cowin’ ऐप में तकनीकी खामी आ गई है। इसके चलते महाराष्ट्र सरकार ने टीकाकरण पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी है।“ हालांकि, इसको लेकर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
बता दें कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ शुरू किए गए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत शनिवार को भारत में अग्रिम पंक्ति के लगभग दो लाख स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों को टीके की पहली खुराक दी गई। इसके साथ ही दुनियाभर में 10 महीनों में लाखों जिंदगियों और रोजगार को लील लेने वाली इस महामारी के भारत में खात्मे की उम्मीद जगी है। भारत में करीब एक करोड़ लोगों के संक्रमित होने और 1,52,093 लोगों की मौत के बाद देश ने ‘कोविशील्ड' और ‘कोवैक्सीन' टीके के साथ महामारी को मात देने के लिए पहला कदम उठाया है और देशभर के स्वास्थ्य केंद्रों पर आज टीकाकरण किया गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में टीकाकरण के पहले दिन 3,352 केंद्रों पर 1,91,181 स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों को टीके की पहली खुराक दी गई। स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल, भाजपा सांसद महेश शर्मा और पश्चिम बंगाल के मंत्री निर्मल माजी उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें टीके की पहली खुराक दी गई। पॉल कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चिकित्सा उपकरण एवं प्रबंधन को लेकर गठित अधिकार समूह के प्रमुख भी हैं।
अभियान की शुरुआत से पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि टीके की दो खुराक लेनी बहुत जरूरी हैं और इन दोनों के बीच लगभग एक महीने का अंतर होना चाहिए। उन्होंने टीका लेने के बाद भी लोगों से कोरोना संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया और ‘‘दवाई भी, कड़ाई भी'' का मंत्र दिया।