Daughter’s Right: पिता की जमीन पर बेटी का हक़, 20 साल बाद भी कायम, जानें क्या है कानून

Edited By Updated: 01 Dec, 2025 01:16 PM

married daughter father property right after 20 year self acquired property

दो दशक बाद अचानक उठाई गई इस मांग ने रिश्तों में हलचल मचा दी। एक शादीशुदा बेटी ने पिता की जमीन पर अपना हिस्सा बताया तो घर-परिवार से लेकर रिश्तेदारों तक में सिर्फ एक ही सवाल गूंजने लगा—क्या इतने लंबे अंतराल के बाद भी बेटी को पैतृक संपत्ति पर अधिकार...

नेशनल डेस्क: दो दशक बाद अचानक उठाई गई इस मांग ने रिश्तों में हलचल मचा दी। एक शादीशुदा बेटी ने पिता की जमीन पर अपना हिस्सा बताया तो घर-परिवार से लेकर रिश्तेदारों तक में सिर्फ एक ही सवाल गूंजने लगा—क्या इतने लंबे अंतराल के बाद भी बेटी को पैतृक संपत्ति पर अधिकार मिलता है? मामला सिर्फ जमीन का नहीं था, बल्कि हक और पहचान की लड़ाई में बदल चुका था। यही वजह है कि यह विवाद सिर्फ एक पारिवारिक झगड़ा नहीं, बल्कि कानून और परंपरा की टकराहट की कहानी बन गया।

पैतृक संपत्ति: बेटी का हक जन्म से तय
कानून के मुताबिक पैतृक संपत्ति वह है जो परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चली आती है। इस तरह की संपत्ति पर बेटियों और बेटों दोनों का बराबर अधिकार होता है।

2005 में संशोधित हिंदू उत्तराधिकार कानून ने यह साफ कर दिया कि:-
शादीशुदा बेटी भी सह-उत्तराधिकारी है
पिता जीवित हों या नहीं—बेटी का हिस्सा सुरक्षित रहता है
समय बीतने से यह अधिकार खत्म नहीं होता
यानी जिस घर में बेटी जन्म लेती है, वहां की पैतृक संपत्ति पर उसका अधिकार उससे कभी छीना नहीं जा सकता।

स्व-अर्जित संपत्ति का मामला अलग
यदि पिता की कमाई से बनी निजी संपत्ति हो और उस पर उन्होंने वसीयत लिखी हो, तो निर्णय पूरी तरह वसीयत पर निर्भर करता है।

वसीयत किसी और के नाम है → बेटी दावा नहीं कर सकती
वसीयत नहीं है → बेटी और बेटा बराबर हिस्से के हकदार
यह नियम केवल पैतृक संपत्ति पर लागू नहीं होता, बल्कि केवल पिता की व्यक्तिगत अर्जित संपत्ति पर लागू होता है।

बेटी का अधिकार—समय से परे
समाज चाहे अक्सर मान ले कि शादी के बाद बेटी मायके की संपत्ति में हिस्सेदार नहीं होती, लेकिन भारतीय कानून इस सोच को पूरी तरह खारिज करता है।

बेटी का अधिकार:
शादी से खत्म नहीं होता
उम्र से खत्म नहीं होता
समय बीतने से खत्म नहीं होता
बीस साल बाद भी बेटी अपना अधिकार मांग सकती है, और अदालत इसे नजरअंदाज नहीं कर सकती।

क्या इस अधिकार पर कोई समय सीमा लागू होती है?
पैतृक संपत्ति पर कोई समय सीमा लागू नहीं होती।
समय सीमा सिर्फ:
वसीयत के विवाद
स्व-अर्जित संपत्ति के मामलों तक सीमित है। पैतृक संपत्ति पर बेटी अपना हक चाहे 5 साल बाद मांगे, 20 साल बाद या उससे भी अधिक, उसका अधिकार बरकरार रहता है।
 

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