Obesity Of Children: अब दुबले नहीं, मोटे बच्चों की बढ़ी संख्या, दुनिया भर में बढ़ रहा है मोटापा, इन देशों में है सबसे बुरा हाल

Edited By Updated: 11 Sep, 2025 04:44 PM

more obese children than lean children obesity is increasing worldwide

एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में यूनिसेफ (UNICEF) ने चेतावनी दी है कि दुनिया में पहली बार दुबले बच्चों से ज्यादा मोटे बच्चे हैं। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड जंक फूड की बढ़ती खपत बच्चों के स्वास्थ्य और विकास के लिए एक बड़ा खतरा बन गई है। यूनिसेफ की नई रिपोर्ट के...

नेशनल डेस्क। एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में यूनिसेफ (UNICEF) ने चेतावनी दी है कि दुनिया में पहली बार दुबले बच्चों से ज्यादा मोटे बच्चे हैं। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड जंक फूड की बढ़ती खपत बच्चों के स्वास्थ्य और विकास के लिए एक बड़ा खतरा बन गई है। यूनिसेफ की नई रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में लगभग 188 मिलियन (18.8 करोड़) बच्चे मोटापे का शिकार हैं जिसका मतलब है कि हर 10 में से एक बच्चा मोटा है।

यूनिसेफ की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कैथरीन रसेल ने कहा कि अब जब हम कुपोषण की बात करते हैं तो हमें सिर्फ दुबले बच्चों की नहीं बल्कि मोटापे से जूझ रहे बच्चों की भी चिंता करनी होगी। जंक फूड ने अब फलों, सब्जियों और प्रोटीन की जगह ले ली है जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी है।

मोटापा ने ली कुपोषण की जगह

रिपोर्ट के मुताबिक 5 से 19 साल के बच्चों में 9.2% बच्चे दुबले हैं जबकि 9.4% बच्चे मोटापे का शिकार हैं। साल 2000 में जहां 13% बच्चे दुबले थे और सिर्फ 3% मोटे थे वहीं आज स्थिति पूरी तरह उलट गई है। मोटापा अब हर क्षेत्र में कुपोषण से बड़ा खतरा बन चुका है।

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इन देशों में हालात सबसे खराब

पैसिफिक आइसलैंड: नीयू और कुक आइसलैंड में 5 से 19 साल के बच्चों में मोटापे की दर सबसे ज्यादा है।

चिली, अमेरिका और यूएई: इन अमीर देशों में भी हालात गंभीर हैं। चिली में 27%, अमेरिका और यूएई में 21% बच्चों में मोटापा पाया गया है।

ब्रिटेन: ब्रिटेन में साल 2000 से 2022 के बीच मोटापे की दर 9% से बढ़कर 11% हो गई है।

केन्या: पिछले 20 सालों में यहां मोटी लड़कियों की संख्या दोगुनी होकर 13% हो गई है।

साउथ अफ्रीका: यहाँ हर 8 में से एक बच्चा मोटापे से जूझ रहा है।

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क्या है मोटापे का कारण और समाधान?

यूनिसेफ की रिपोर्ट बताती है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड जैसे पैकेट वाले स्नैक्स, बिस्किट, मीठे ड्रिंक्स और रेडी-टू-ईट मील्स बच्चों की डाइट पर हावी हो रहे हैं। इन फूड्स में शुगर, फैट और नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जिससे बच्चों में दिल की बीमारियां, डायबिटीज और कैंसर का खतरा बढ़ रहा है।

रिपोर्ट में सरकारों से अपील की गई है कि वे जंक फूड पर टैक्स और लेबलिंग नियम सख्त करें स्कूलों में इनकी बिक्री और विज्ञापनों पर रोक लगाएं और गरीब परिवारों के लिए स्वस्थ भोजन तक पहुंच सुनिश्चित करें। इस रिपोर्ट में मेक्सिको के उस कदम की तारीफ की गई है जहां स्कूलों में जंक फूड की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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