Edited By Rohini Oberoi,Updated: 08 Jun, 2025 03:36 PM

मुंबई के अंधेरी पश्चिम से साइबर फ्रॉड का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक डायबिटीज एजुकेटर महिला को केवल अपने ऑफिस की सफाई करवाने के चक्कर में 99,000 रुपये का चूना लग गया। इस ठगी का खुलासा तब हुआ जब महिला अगले दिन किसी काम से बैंक पहुँची।
नेशनल डेस्क। मुंबई के अंधेरी पश्चिम से साइबर फ्रॉड का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक डायबिटीज एजुकेटर महिला को केवल अपने ऑफिस की सफाई करवाने के चक्कर में 99,000 रुपये का चूना लग गया। इस ठगी का खुलासा तब हुआ जब महिला अगले दिन किसी काम से बैंक पहुँची।
₹9 का ट्रांजैक्शन बना लाखों की ठगी का ज़रिया
दरअसल पीड़ित महिला ने ऑनलाइन अर्बन क्लब नाम की क्लीनिंग सर्विस सर्च की थी। इसके बाद एक फर्जी कॉलर ने खुद को कंपनी का प्रतिनिधि बताकर महिला को एक ऐप डाउनलोड करवाया। ऐप डाउनलोड करने के बाद कॉलर ने महिला से पहले 600 रुपये और फिर सिर्फ 9 रुपये का पेमेंट करने के लिए कहा। महिला ने 9 रुपये का यूपीआई (UPI) ट्रांजेक्शन कर दिया और यहीं से इस बड़ी ठगी की स्क्रिप्ट शुरू हो गई।
IT एक्ट में मामला दर्ज, पुलिस जाँच में जुटी
अगले ही दिन जब पीड़ित महिला बैंक पहुँची तो उसे पता चला कि उसके अकाउंट से 99,000 रुपये गायब हो चुके थे। यह देखकर उसने तुरंत ओशिवारा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ BNS (भारतीय न्याय संहिता) और आईटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।
मुंबई पुलिस ने जारी किया अलर्ट: यह ठगी का नया तरीका
मुंबई पुलिस के अनुसार यह ठगी का एक नया और खतरनाक तरीका है। इसमें साइबर अपराधी मामूली ऑनलाइन पेमेंट के बहाने यूजर की बैंकिंग जानकारी और डिवाइस एक्सेस हासिल कर लेते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने लोगों को अत्यधिक सतर्क रहने की सलाह दी है।
पुलिस की सलाह: कैसे बचें ऐसी धोखाधड़ी से?
मुंबई पुलिस और साइबर सेल ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें:
- कभी भी अनजान लिंक या ऐप डाउनलोड न करें।
- किसी से भी अपना ओटीपी (OTP) शेयर न करें।
- केवल आधिकारिक वेबसाइटों या ऐप स्टोर से ही ऐप्स इंस्टॉल करें।
- ध्यान रखें मामूली रकम का ट्रांजेक्शन भी आपके बैंक अकाउंट को खाली करवा सकता है।
पुलिस और साइबर सेल ने लोगों से आग्रह किया है कि ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत अपने नजदीकी पुलिस थाने या 1930 साइबर हेल्पलाइन पर दें। इसके अलावा हर स्तर पर सावधानी बरतना बेहद ज़रूरी है।