दलितों के साथ अत्याचारों पर फेल हुई राजस्थान सरकार ! 12 पार्षदों के इस्तीफे के बाद बुरे फंसे अशोक गहलोत

Edited By Anil dev,Updated: 17 Aug, 2022 02:13 PM

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राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को मंगलवार को एक दलित लड़के की मौत के मामले में और अधिक दबाव का सामना करना पड़ा। मामले में शीर्ष बाल अधिकार निकाय ने सख्त कार्रवाई की मांग की और राजस्थान की बारां नगर परिषद के 12 कांग्रेस पार्षदों ने मुख्यमंत्री को अपना...

नेशनल डेस्क: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को मंगलवार को एक दलित लड़के की मौत के मामले में और अधिक दबाव का सामना करना पड़ा। मामले में शीर्ष बाल अधिकार निकाय ने सख्त कार्रवाई की मांग की और राजस्थान की बारां नगर परिषद के 12 कांग्रेस पार्षदों ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज दिया। मामला गत 20 जुलाई को जालौर के सुराणा गांव में एक निजी स्कूल के शिक्षक द्वारा इंद्र मेघवाल नाम के छात्र की पिटाई किए जाने से संबंधित है जिसकी 13 अगस्त को अहमदाबाद में एक अस्पताल में मौत हो गई थी। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने जिलाधिकारी को लिखे पत्र में कहा कि मामला गंभीर है और उसने सात दिन के भीतर प्राथमिकी और आरोपी के खिलाफ प्रशासन और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा। 

बाल अधिकार संस्था ने मामले में राजस्थान सरकार से आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। एक बयान के अनुसार, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी इस घटना को लेकर राजस्थान सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस भेजा है। आयोग ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी कर पुलिस द्वारा की जा रही जांच की वर्तमान स्थिति और जिम्मेदार प्रधानाध्यापक के खिलाफ की गई कार्रवाई सहित विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। इस बीच, राजस्थान की बारां नगर निकाय के 25 कांग्रेस पार्षदों में से 12 ने दलितों और वंचित वर्गों के खिलाफ कथित अत्याचार पर नाराजगी व्यक्त की और अपना मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेज दिया। उन्होंने पार्टी के बारां-अटरू विधायक पाना चंद मेघवाल का समर्थन किया, जिन्होंने सोमवार को गहलोत को अपना इस्तीफा भेजकर कहा था कि अगर वह अपने समुदाय की रक्षा नहीं कर सकते तो उन्हें विधायक बने रहने का अधिकार नहीं है।

 वार्ड नंबर 29 के पार्षद योगेंद्र मेहता ने कहा कि उन्होंने विधायक के समर्थन में और दलितों की रक्षा करने में सरकार की विफलता के खिलाफ अपना त्यागपत्र भेजा है। उन्होंने बताया कि जिन अन्य पार्षदों ने इस्तीफा भेजा है उनमें रोहिताश्व सक्सेना, राजाराम मीणा, रेखा मीणा, लीलाधर नागर, हरिराज एरवाल, पीयूष सोनी, उर्वशी मेघवाल, यशवंत यादव, अनवर अली, ज्योति जाटव और मयंक मथोदिया शामिल हैं। मेहता ने कहा कि वे बुधवार को कोटा संभागीय आयुक्त को अपने त्यागपत्र की प्रतियां सौंपेंगे। इस बीच, कोटा के इटवा नगर निकाय के मनोनीत पार्षद सुरेश महावर ने भी अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेजा है। राजस्थान के शिक्षा मंत्री बी. डी. कल्ला ने कहा कि सरकार उस निजी स्कूल की मान्यता समाप्त करने की प्रक्रिया में है जहां यह घटना हुई थी। मंत्री ने बीकानेर में संवाददाताओं से कहा, ''साथ ही एक अधिसूचना जारी की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो।'' इस बीच, सुराणा गांव में लड़के के परिजनों से मिलने के लिए विभिन्न राजनीतिक नेता पहुंचे। 

कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट मंगलवार को पीड़ित परिवार से मिलने लड़के के घर पहुंचे और कहा कि दलित समुदाय का विश्वास जीतने के लिए एक मजबूत संदेश देने की जरूरत है। कांग्रेस नेता ने कहा कि बच्चे के शव को रात में दफना दिया गया था और परिवार के सदस्यों का आरोप है कि पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। उन्होंने कहा, ''वे अनुमंडल अधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक का नाम ले रहे हैं और उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।'' पायलट ने कहा कि यह कहना उचित नहीं होगा कि ऐसी घटनाएं दूसरे राज्यों में भी होती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। हमें कार्रवाई करने के लिए किसी अगली घटना की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। हमें ऐसी विचारधारा को हराने के लिए कदम उठाने होंगे। दलितों पर अत्याचार करने के बाद कोई नहीं बच सकता।' पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कानून का डर होना चाहिए और दलितों में विश्वास की भावना पैदा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्चे को जिंदा नहीं किया जा सकता लेकिन एक उदाहरण पेश किया जा सकता है। 

इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने दलित लड़के के परिवार को पार्टी कोष से 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की और त्वरित मुकदमे का वादा किया। वह महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ममता भूपेश, लोक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव और आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल के साथ सुराणा गांव पहुंचे। उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता राहुल गांधी ने नेताओं और विधायकों को परिजनों से मिलने और उनकी हरसंभव मदद करने का निर्देश दिया है।" कांग्रेस नेता ने कहा कि लड़के के परिवार के सदस्यों में स्थानीय पुलिस के खिलाफ नाराजगी थी और उन्हें आश्वासन दिया गया है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक पुलिस कांस्टेबल को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया। विधायक पानाचंद मेघवाल और राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जी के व्यास ने भी गांव का दौरा किया तथा परिवार को सांत्वना दी। 

उधर, जालौर से भाजपा के विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि यह संदेहास्पद है कि मेघवाल जाति से होने और पानी के घड़े को छूने पर शिक्षक ने लड़के को पीटा। गर्ग ने एक बयान में कहा, "मैंने ग्रामीणों और अन्य लोगों से बात की है। उनके अनुसार, इसमें संदेह है कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि लड़का मेघवाल था और उसने घड़े को छुआ था।" उन्होंने कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि शिक्षक ने लड़के को पीटा और उसकी मौत हो गई। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और जांच की जा रही है। क्या उसे मेघवाल होने और घड़े को छूने की वजह से पीटा गया था, इसे जांच में स्पष्ट होने दें। केवल उसके बाद ही निष्कर्ष संबंधी बयान दिए जाने चाहिए।" लड़के के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग करते हुए जयपुर में भीम आर्मी के चार सदस्य पानी की टंकी पर चढ़ गए। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन के अधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। 

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