Edited By Mansa Devi,Updated: 28 Aug, 2025 06:50 PM

इस साल अगस्त में दिल्ली में हो रही भारी बारिश और पहाड़ों पर बादल फटने जैसी घटनाओं ने सबको चौंका दिया है। सड़कों पर जलभराव और पहाड़ों पर भूस्खलन की वजह से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सवाल यह है कि आखिर इस तरह के चरम मौसमी बदलावों के पीछे की वजह...
नेशनल डेस्क: इस साल अगस्त में दिल्ली में हो रही भारी बारिश और पहाड़ों पर बादल फटने जैसी घटनाओं ने सबको चौंका दिया है। सड़कों पर जलभराव और पहाड़ों पर भूस्खलन की वजह से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सवाल यह है कि आखिर इस तरह के चरम मौसमी बदलावों के पीछे की वजह क्या है। इस बारे में मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत से खास बातचीत की, और उन्होंने इसके पीछे का चौंकाने वाला सच बताया।
क्लाइमेट चेंज है असली वजह
मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत के अनुसार, इन सभी घटनाओं के पीछे की मुख्य वजह जलवायु परिवर्तन है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण धरती के चारों ओर का तापमान तेजी से बढ़ रहा है, जिसका सीधा असर हमारे मौसम पर पड़ रहा है।
कम समय में ज्यादा बारिश: पलावत ने बताया कि पहले तीन-चार दिनों तक लगातार हल्की बारिश होती थी, जिससे पानी धीरे-धीरे जमीन में चला जाता था और भूजल स्तर भी बढ़ता था। लेकिन अब यही चार दिनों की बारिश सिर्फ 4 से 6 घंटों में हो जा रही है, जिससे अचानक बाढ़ और जलभराव की समस्या बढ़ गई है।
बादल फटने की घटनाएं आम: कम समय में बहुत ज्यादा बारिश होने के कारण पहाड़ों पर बादल फटने की घटनाएं भी आम हो गई हैं। अगर यह स्थिति जारी रही, तो भविष्य में यह और भी खतरनाक रूप ले सकती है।
पर्यावरण का नुकसान भी है जिम्मेदार
दिल्ली-एनसीआर में बड़े पैमाने पर हो रहे निर्माण कार्यों और जंगलों के खत्म होने से भी मौसम की स्थिति बिगड़ रही है। इस सीजन में दिल्ली में सामान्य से डेढ़ गुना ज्यादा बारिश हुई है।
पूरे देश में ज्यादा बारिश: इस साल पूरे देश में औसत से 4% ज्यादा बारिश हुई है। पिछले एक दशक में मानसून का पैटर्न पूरी तरह बदल गया है।
किसानों को नुकसान: राजस्थान जैसे राज्यों में पहले मानसून की शुरुआत में बारिश न होने से 50% फसलें खराब हो गईं, और अब ज्यादा बारिश के कारण बची हुई फसलें भी बर्बाद हो रही हैं।