Edited By Shubham Anand,Updated: 23 Nov, 2025 02:37 PM

वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए CAQM ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 1 जनवरी 2026 से ग्रीन डिलीवरी मॉडल लागू करने का फैसला लिया है। इसके तहत ई-कॉमर्स कंपनियां पेट्रोल-डीजल वाहनों का उपयोग नहीं कर सकेंगी और सभी डिलीवरी केवल CNG या इलेक्ट्रिक वाहनों से ही...
नेशनल डेस्क : दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को कम करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बड़ा कदम उठाते हुए डिलीवरी सेक्टर में ग्रीन ट्रांजिशन लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत 1 जनवरी 2026 से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में किसी भी ई-कॉमर्स कंपनी को पेट्रोल या डीजल से चलने वाले वाहन इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी। ऑनलाइन डिलीवरी केवल CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों से ही की जा सकेगी।
इस निर्णय के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि रोजाना सड़कों पर दौड़ने वाले हजारों डिलीवरी वाहनों से निकलने वाला धुआं कम होगा और वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा। यह बदलाव स्विगी, जोमैटो, अमेज़न, फ्लिपकार्ट और ब्लिंकिट जैसी प्रमुख कंपनियों के लिए बड़ा परिवर्तन साबित होगा, क्योंकि उनकी डिलीवरी बाइक, स्कूटर, ऑटो और छोटे चारपहिया वाहन अब CNG या EV में परिवर्तित करने होंगे।
अधिकारियों का कहना है कि इस फैसले से न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि शहर में ग्रीन जॉब्स बढ़ेंगे और डिलीवरी पार्टनर्स को नई तकनीक वाले वाहनों के साथ काम करने का अवसर मिलेगा।
ARTO कार्यालय में हुई अहम बैठक
ग्रीन डिलीवरी मॉडल को लागू करने के लिए नोएडा सेक्टर-32 स्थित ARTO कार्यालय में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता ARTO (प्रशासन) नंद कुमार ने की, जबकि ARTO विनय कुमार सिंह तथा विभिन्न डिलीवरी कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। अधिकारियों ने कंपनियों को स्पष्ट निर्देश और चेतावनी देते हुए कहा कि सभी ई-कॉमर्स और डिलीवरी कंपनियां तैयारी अभी से शुरू करें, ताकि 2026 की समयसीमा पर कोई समस्या न आए।