ज्यादा किराया देने वाले ध्यान दें! नए नियम हुए हैं लागू, TDS और एग्रीमेंट में हुआ बदलाव

Edited By Updated: 30 Nov, 2025 07:58 PM

the government has taken a big decision for those living on rent

केंद्र सरकार ने Home Rent Rules 2025 लागू कर दिए हैं, जिससे देश का रेंटल हाउसिंग मार्केट पहले से अधिक ट्रांसपरेंट, सुरक्षित और ऑर्गेनाइज्ड बनने जा रहा है। अब किराए पर घर लेना आसान होगा और मनमाने ढंग से किराया बढ़ाने, भारी-भरकम सिक्योरिटी डिपॉजिट या...

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने Home Rent Rules 2025 लागू कर दिए हैं, जिससे देश का रेंटल हाउसिंग मार्केट पहले से अधिक ट्रांसपरेंट, सुरक्षित और ऑर्गेनाइज्ड बनने जा रहा है। अब किराए पर घर लेना आसान होगा और मनमाने ढंग से किराया बढ़ाने, भारी-भरकम सिक्योरिटी डिपॉजिट या कमजोर डॉक्यूमेंटेशन की समस्या से राहत मिलेगी।

नए नियमों के तहत अब मकान मालिक और किरायेदार दोनों को रेंट एग्रीमेंट ऑनलाइन रजिस्टर करना होगा। सिक्योरिटी डिपॉजिट की सीमा तय होगी, किराया कब और कितना बढ़ेगा इसकी स्पष्ट गाइडलाइन होगी। घर खाली करवाने, रिपेयर, इंस्पेक्शन और किरायेदार की सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं को दस्तावेजों में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। विवाद होने पर समाधान की निर्धारित टाइमलाइन भी तय की गई है। इसका सबसे बड़ा फायदा बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों में रहने वाले करोड़ों किराएदारों को मिलेगा।

मकान मालिकों की सुरक्षा भी शामिल

इन सुधारों का उद्देश्य सिर्फ किरायेदारों की सुरक्षा नहीं, बल्कि मकान मालिकों को विश्वास और कानूनी सुरक्षा देना भी है। नए सिस्टम में रेंट एग्रीमेंट पर डिजिटल स्टैम्प लगाना अनिवार्य होगा और इसे साइन करने के 60 दिनों के भीतर ऑनलाइन रजिस्टर कराना होगा। नियम न मानने पर कम से कम ₹5,000 का जुर्माना लगाया जा सकता है।

सरकार ने राज्यों को अपने प्रॉपर्टी-रजिस्ट्रेशन पोर्टल अपग्रेड करने और तेज डिजिटल वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं ताकि धोखाधड़ी, अवैध बेदखली और पुरानी तारीख वाले फेक एग्रीमेंट जैसी समस्याओं का अंत किया जा सके।

इन बड़े बदलावों से मिलेगी राहत

1. सिक्योरिटी डिपॉजिट पर रोक
अभी कई मेट्रो सिटीज में सिक्योरिटी के रूप में 10 महीने तक का किराया लिया जाता है।अब नए नियमों के तहत रेज़िडेंशियल सिक्योरिटी डिपॉजिट अधिकतम दो महीने के किराए तक सीमित होगा।

2. साल में सिर्फ एक बार किराया बढ़ेगा
किराया साल में केवल एक बार ही बढ़ाया जा सकेगा और मकान मालिक को 90 दिन पहले नोटिस देना होगा।

3. डिजिटल पेमेंट अनिवार्य
₹5,000 से ज़्यादा किराया: डिजिटल पेमेंट जरूरी, ताकि ट्रांज़ैक्शन का रिकॉर्ड रहे। ₹50,000 से ऊपर किराया: सेक्शन 194-IB के तहत TDS अनिवार्य, जिससे प्रीमियम लीज़ इनकम टैक्स नियमों के दायरे में आएंगी।

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