Edited By Shubham Anand,Updated: 13 Sep, 2025 09:51 PM

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई लेनदेन की सीमा बढ़ा दी है। 15 सितंबर, 2025 से इंश्योरेंस, कैपिटल मार्केट, ट्रैवल, क्रेडिट कार्ड भुगतान जैसी कैटेगरी में प्रति ट्रांजैक्शन सीमा ₹5 लाख और दैनिक सीमा ₹10 लाख होगी। P2P ट्रांजैक्शन की...
नेशनल डेस्क : नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के नियमों में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। ये नए नियम 15 सितंबर, 2025 से लागू होंगे। नए बदलावों से न केवल आम लोगों को, बल्कि यूपीआई के जरिए लेनदेन करने वाले दुकानदारों और मर्चेंट्स को भी बड़ी राहत मिलेगी। एनपीसीआई ने इंश्योरेंस प्रीमियम, कैपिटल मार्केट, क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट और अन्य विशेष कैटेगरी के लिए प्रति ट्रांजैक्शन लिमिट को 5 लाख रुपये तक बढ़ाने का फैसला किया है। इसके अलावा, इन कैटेगरी में 24 घंटे में अधिकतम 10 लाख रुपये तक का लेनदेन किया जा सकेगा।
सामान्य पी2पी लेनदेन की सीमा अपरिवर्तित
एनपीसीआई ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि सामान्य व्यक्ति-से-व्यक्ति (P2P) यूपीआई लेनदेन की दैनिक सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह सीमा पहले की तरह ही 1 लाख रुपये प्रति दिन रहेगी। हालांकि, टैक्स भुगतान, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM), यात्रा और व्यापार से जुड़े लेनदेन जैसे विशेष क्षेत्रों के लिए प्रति ट्रांजैक्शन सीमा 5 लाख रुपये और दैनिक सीमा 10 लाख रुपये तक बढ़ाई गई है। इसके अलावा, 12 अन्य कैटेगरी के लिए भी दैनिक ट्रांजैक्शन सीमा में वृद्धि की गई है।
| ट्रांजैक्शन कैटेगरी |
प्रत्येक ट्रांजैक्शन लिमिट |
प्रतिदिन ट्रांजैक्शन लिमिट |
| Capital Markets (Investments) |
₹5 लाख |
₹10 लाख |
| Insurance |
₹5 लाख |
₹10 लाख |
| Government e-Market Place (GeM) |
₹5 लाख |
₹10 लाख |
| Travel |
₹5 लाख |
₹10 लाख |
| Credit Card Payments |
₹5 लाख |
₹6 लाख |
| Jewellery |
₹5 लाख |
₹6 लाख |
| Business/Merchant Payments |
₹5 लाख |
-- |
| Digital Account Opening |
₹5 लाख |
₹5 लाख |
यूपीआई का बढ़ता दायरा
एनपीसीआई के इस कदम से साफ है कि यूपीआई का उपयोग अब छोटे-मोटे लेनदेन तक सीमित नहीं रहा। शुरुआत में यूपीआई का इस्तेमाल मुख्य रूप से छोटे दैनिक भुगतानों के लिए होता था, लेकिन अब यह बड़े स्तर पर वित्तीय लेनदेन का पसंदीदा माध्यम बन गया है। बीमा प्रीमियम, कैपिटल मार्केट निवेश, क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान और सरकारी लेनदेन जैसे क्षेत्रों में यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए यह बदलाव किया गया है।
बैंकों और ऐप्स को अनुपालन का निर्देश
एनपीसीआई ने सभी सदस्य बैंकों, पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) और थर्ड-पार्टी ऐप्स को 15 सितंबर, 2025 तक नए नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। बैंकों को अपनी आंतरिक नीतियों के आधार पर इन सीमाओं के भीतर लिमिट तय करने की छूट दी गई है, लेकिन वे एनपीसीआई द्वारा निर्धारित अधिकतम सीमा से अधिक नहीं हो सकते।
डिजिटल इंडिया को बढ़ावा
यूपीआई, जिसे एनपीसीआई ने विकसित किया और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा नियंत्रित किया जाता है, IMPS इंफ्रास्ट्रक्चर पर आधारित है। यह बदलाव भारत की डिजिटल-फर्स्ट अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। एनपीसीआई का कहना है कि यूपीआई की बढ़ती मांग को देखते हुए यह कदम उठाया गया है, ताकि बड़े लेनदेन को आसान और सुरक्षित बनाया जा सके।