Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Dec, 2025 11:35 AM

सरकार जल्द ही आधार से जुड़ा नया नियम लागू करने वाली है, जिसके तहत होटल, इवेंट आयोजक और अन्य संस्थाओं को अब आधार कार्ड की फिजिकल कॉपी लेने या उसे स्टोर करने की अनुमति नहीं होगी। सरकार का कहना है कि पेपर-बेस्ड आधार वेरिफिकेशन न सिर्फ नियमों के खिलाफ...
बिजनेस डेस्कः सरकार जल्द ही आधार से जुड़ा नया नियम लागू करने वाली है, जिसके तहत होटल, इवेंट आयोजक और अन्य संस्थाओं को अब आधार कार्ड की फिजिकल कॉपी लेने या उसे स्टोर करने की अनुमति नहीं होगी। सरकार का कहना है कि पेपर-बेस्ड आधार वेरिफिकेशन न सिर्फ नियमों के खिलाफ है, बल्कि इससे नागरिकों की प्राइवेसी को भी बड़ा खतरा होता है।
UIDAI का नया डिजिटल फ्रेमवर्क तैयार
UIDAI ने ऑफलाइन आधार वेरिफिकेशन के लिए नया डिजिटल सिस्टम विकसित किया है। इसके तहत किसी भी संस्था को आधार वेरिफाई करने से पहले UIDAI में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद वे QR कोड स्कैनिंग या ऐप-बेस्ड डिजिटल वेरिफिकेशन का उपयोग कर सकेंगे। UIDAI के CEO भुवनेश कुमार ने बताया कि नियम को मंजूरी मिल चुकी है और इसे जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।
होटल और इवेंट वेन्यू के लिए नया आसान तरीका
नए नियम लागू होने के बाद होटल, इवेंट वेन्यू और अन्य संस्थाओं को UIDAI द्वारा उपलब्ध कराई गई सुरक्षित API का एक्सेस मिलेगा। इससे वे बिना किसी फिजिकल डॉक्युमेंट को स्टोर किए आधार की जांच कर सकेंगे। इसका उद्देश्य पेपर डॉक्यूमेंट पर निर्भरता खत्म करना और डेटा लीक के खतरे को कम करना है।
ऑफलाइन वेरिफिकेशन के लिए नया ऐप
UIDAI एक नया ऐप भी टेस्ट कर रहा है, जो ऐप-टू-ऐप वेरिफिकेशन की सुविधा देगा। इसकी खासियत यह है कि हर बार सर्वर से लाइव कनेक्शन की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह ऐप एयरपोर्ट, रिटेल स्टोर, होटेल और इवेंट वेन्यू जैसी जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके जरिए यूजर्स अपना एड्रेस प्रूफ अपडेट कर सकेंगे और परिवार के उन सदस्यों को भी जोड़ सकेंगे जिनके पास खुद का मोबाइल फोन नहीं है।
सर्वर डाउनटाइम की समस्या का समाधान
अभी अक्सर सर्वर डाउन होने से वेरिफिकेशन में देरी होती है। नए सिस्टम में QR कोड और ऐप-बेस्ड वेरिफिकेशन के कारण तकनीकी समस्याओं के बावजूद प्रक्रिया जारी रखी जा सकेगी।
प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा होगी मजबूत
UIDAI का कहना है कि फिजिकल कॉपी न लेने से डेटा स्टोरेज का खतरा खत्म होगा और आधार के दुरुपयोग की आशंका कम होगी। नया फ्रेमवर्क डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (DPDP Act) के अनुरूप तैयार किया जा रहा है, जिसे अगले 18 महीनों में पूरी तरह लागू किया जाएगा।