CBDT का बड़ा ऐलान: सैलरीड टैक्सपेयर्स को मिली बड़ी राहत, अब 4 लाख तक की सैलरी पर नहीं लगेगा परक्स टैक्स

Edited By Updated: 22 Aug, 2025 03:08 PM

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आयकर से जुड़ी एक अहम राहत की खबर सामने आई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इनकम टैक्स रूल्स, 1962 में महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए सैलरीड क्लास के लिए दो नए नियम – नियम 3C और 3D – लागू किए हैं। इस नए बदलाव से लाखों कर्मचारियों को परक्स...

नेशनल डेस्क:  आयकर से जुड़ी एक अहम राहत की खबर सामने आई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इनकम टैक्स रूल्स, 1962 में महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए सैलरीड क्लास के लिए दो नए नियम – नियम 3C और 3D – लागू किए हैं। इस नए बदलाव से लाखों कर्मचारियों को परक्स (Perquisites) पर टैक्स से राहत मिलने जा रही है। यह संशोधन 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा और असेसमेंट ईयर 2026-27 से इसके प्रभाव को देखा जाएगा। आइए जानते हैं कि इस नई नीति से किसे और कितना फायदा होगा।

पहले क्या था, अब क्या बदला?
अब तक, यदि किसी कर्मचारी की सालाना सैलरी (केवल नकद वेतन, भत्ते को छोड़कर) ₹50,000 से अधिक होती थी, तो उसे अपने नियोक्ता से मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाओं जैसे – निजी कार, घरेलू कर्मचारी, बच्चों की शिक्षा, बिजली-पानी आदि – पर टैक्स देना पड़ता था। लेकिन अब यह लिमिट ₹4 लाख कर दी गई है।

नए नियमों के अनुसार – ये सुविधाएं होंगी टैक्स फ्री (अगर सैलरी ₹4 लाख से कम हो):
-घर पर चौकीदार, माली, कुक या अन्य कर्मचारी
-कंपनी द्वारा दी गई पर्सनल कार
-बिजली-पानी जैसे यूटिलिटी बिल
-बच्चों की स्कूल फीस या मुफ्त शिक्षा
-अन्य नॉन-मॉनेटरी बेनिफिट्स (परक्स)
-अब अगर आपकी सालाना सैलरी ₹4 लाख से कम है, तो ऊपर दी गई सुविधाओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।

किन कर्मचारियों पर लागू होगा टैक्स?
CBDT की परिभाषा के अनुसार ये टैक्स केवल “स्पेसिफाइड एम्प्लॉईज़” पर लागू होता है। इसका मतलब वे कर्मचारी:
-जो कंपनी में डायरेक्टर हों,
-जिनके पास कंपनी में 20% या उससे अधिक वोटिंग अधिकार हों,
-जिनकी सालाना वेतन ₹4 लाख से अधिक हो (पहले यह सीमा ₹50,000 थी)।
-इस बदलाव के बाद अब ज्यादा संख्या में कर्मचारी इस टैक्स से बाहर हो जाएंगे।

 विदेश में इलाज कराने पर भी टैक्स छूट बढ़ी
सिर्फ सैलरी पर ही नहीं, बल्कि अगर कोई नियोक्ता अपने कर्मचारी या उसके परिवार के इलाज के लिए विदेश में इलाज का खर्च उठाता है, तो उसमें भी टैक्स छूट को बड़ा विस्तार मिला है।

पहले: अधिकतम ₹2 लाख तक का खर्च टैक्स फ्री माना जाता था
अब: यह सीमा ₹8 लाख कर दी गई है
यानी गंभीर बीमारी की स्थिति में, अगर कंपनी खर्च वहन करती है, तो कर्मचारी को उस पर टैक्स नहीं देना होगा।

कर्मचारियों को क्या होगा फायदा?
पहले की तुलना में नया बदलाव:
कैटेगरी                                                पहले                अब

टैक्स फ्री सैलरी लिमिट (परक्स के लिए)    ₹50,000/वर्ष    ₹4,00,000/वर्ष
विदेश में इलाज की टैक्स फ्री सीमा          ₹2,00,000       ₹8,00,000

 उदाहरण:
यदि किसी कर्मचारी की सालाना सैलरी ₹3.95 लाख है और उसे कंपनी द्वारा वाहन, बच्चों की फीस और घरेलू सहायक जैसी सुविधाएं मिलती हैं, तो अब इन्हें लेकर टैक्स नहीं लगेगा – जबकि पहले ऐसी सुविधाओं पर टैक्स देना पड़ता था।

  छोटे कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत
इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा उन कर्मचारियों को होगा, जिनकी आय सीमित है लेकिन उन्हें कंपनी की ओर से कुछ अतिरिक्त सुविधाएं मिलती हैं। अब वे बिना अतिरिक्त टैक्स चुकाए इन बेनिफिट्स का लाभ ले सकेंगे। 

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