Edited By Radhika,Updated: 09 Dec, 2025 12:20 PM

आधार कार्ड की फोटोकॉपी देने का झंझट जल्द ही खत्म होने वाला है। UIDAI आधार वेरिफिकेशन को मजबूत और पेपरलेस बनाने के लिए एक बड़ा नियम बदलने जा रहा है।
नेशनल डेस्क: आधार कार्ड की फोटोकॉपी देने का झंझट जल्द ही खत्म होने वाला है। UIDAI आधार वेरिफिकेशन को मजबूत और पेपरलेस बनाने के लिए एक बड़ा नियम बदलने जा रहा है।
अब नहीं ले सकेंगे आधार कार्ड की फोटोकॉपी
अब तक OYO, होटल चेन और इवेंट ऑर्गेनाइजर जैसी कंपनियां ग्राहकों से उनके आधार कार्ड की फोटोकॉपी लेती थीं और उसे फिजिकल फॉर्म में स्टोर करती थीं। लेकिन UIDAI का नया नियम इसे गैरकानूनी बना देगा। यानी अब ये कंपनियां आधार कार्ड की फोटोकॉपी नहीं ले पाएंगी और न ही उसे अपने पास संभालकर रख सकेंगी। मामले के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि यह नया नियम जल्द ही पब्लिश किया जाएगा। UIDAI का मानना है कि फोटोकॉपी रखने का मौजूदा तरीका आधार एक्ट के खिलाफ है।
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जल्द किया जाएगा Notify
UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार के अनुसार इस नए नियम को प्राधिकरण ने मंजूरी दे दी है और इसे जल्द ही Notify किया जाएगा, जिसका मतलब है कि यह नियम जल्द ही लागू हो जाएगा। इस नियम के लागू होते ही होटल, इवेंट ऑर्गेनाइज़र और वेरिफिकेशन चाहने वाले अन्य संगठनों को इस नई डिजिटल प्रणाली में Registration कराना अनिवार्य होगा।
QR कोड वेरिफिकेशन कैसे लेगा फोटोकॉपी की जगह?
UIDAI का लक्ष्य आधार की फोटोकॉपी लेने और उसे फिजिकल फॉर्म में स्टोर करने की आवश्यकता को समाप्त करना है। इसके लिए दो मुख्य तरीके पेश किए जा रहे हैं। उपभोक्ता अपने आधार कार्ड पर छपे QR कोड को स्कैन करवाकर अपनी पहचान सत्यापित कर सकेंगे। सत्यापन के लिए एक आगामी आधार मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से भी पहचान सत्यापित की जा सकेगी।
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तकनीकी बदलाव और सुविधा
नए नियम के तहत ऑफलाइन वेरिफिकेशन (जैसे होटलों में) चाहने वाली संस्थाओं के लिए UIDAI के साथ पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इन संस्थाओं को एक API (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस) उपलब्ध कराया जाएगा, जिसे वे अपने मौजूदा सॉफ्टवेयर में आसानी से जोड़ सकेंगे। UIDAI के सीईओ कुमार ने बताया कि यह नई प्रक्रिया केंद्रीकृत डेटाबेस को अनुरोध भेजने वाले मध्यवर्ती सर्वरों (Intermediate Servers) में आने वाली रुकावटों से जुड़ी समस्याओं को भी कम करेगी। UIDAI एक ऐसे ऐप का बीटा परीक्षण कर रहा है जो हर बार केंद्रीय सर्वर से जुड़े बिना भी ऐप-टू-ऐप सत्यापन कर सकता है।
प्राइवेसी और सुरक्षा का वादा
भुवनेश कुमार ने कहा कि यह Updated Verification Framework उपयोगकर्ताओं की प्राइवेसी सुरक्षा को बेहतर बनाएगा और आधार डेटा के लीक या दुरुपयोग के जोखिमों को पूरी तरह से समाप्त कर देगा। यह पहल कागज के उपयोग के बिना ऑफलाइन वेरिफिकेशन को बढ़ावा देगी। इस तरह, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण को सुनिश्चित किया जाएगा।