Edited By Hitesh,Updated: 20 May, 2021 12:47 PM
ऑनलाइन कंपनियां जो कुछ समय पहले अपने प्रोडक्ट्स पर डिस्काउंट दे रही थीं उन्होंने इन दिनों इस छूट को खत्म कर दिया है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लोग अधिक प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन ही मंगाने लगे हैं इसी के चलते ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स ज्यादा तर...
बिजनेस डेस्क: ऑनलाइन कंपनियां जो कुछ समय पहले अपने प्रोडक्ट्स पर डिस्काउंट दे रही थीं, उन्होंने इन दिनों इस छूट को खत्म कर दिया है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लोग अधिक प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन ही मंगाने लगे हैं इसी के चलते ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स ज्यादा तर सामान को एमआरपी (MRP) पर ही बेचने लग गई हैं। यह जानकारी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक रिसर्च रिपोर्ट से सामने आई है। हाल ही में थोक महंगाई दर (WPI) के आंकड़े आए हैं और उस पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक रिसर्च नोट तैयार किया है।
मांग को बढ़ता देख खत्म कर दिया गया डिस्काउंट
एसबीआई (SBI) ने इस रिसर्च रिपोर्ट में बताया है कि जैसे ही मांग बढ़ी वैसे ही ग्रोफर्स (Grofers), नेचर्स बॉस्केट (Natures Basket), लीशियस जैसे ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफार्म ने कोरोना वायरस के इस संकट के दौर में भी अपनी चीजों के भाव बढ़ा दिए।
सभी ऑनलाइन साइट्स पर एक जैसी हुई कीमत
SBI रिसर्च नोट में बताया गया है कि कोरोना संकट के दौरान मांग बढ़ गई और अब तो इन शॉपिंग साइट्स के दाम आपके घर के पास वाली दुकान जितने ही हो गए हैं। एसबीआई के रिसर्च नोट में कहा गया है कि ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफॉर्म ने कोरोना संक्रमण के इस दौर में जरूरी चीजों के भाव बढ़ा दिए हैं। इन प्लेटफार्म पर सामान बेचने वाले अधिकतर रिटेलर फिजिकल स्टोर की तुलना में अधिक कीमत ले रहे हैं।