Edited By Anu Malhotra,Updated: 17 Nov, 2025 10:06 AM

गुरु पर्व के मौके पर पाकिस्तान गई पंजाब की 52 वर्षीय महिला सरबजीत कौर का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसने दोनों देशों में चिंता और हलचल पैदा कर दी है। वीडियो में वह खुद को ‘नूर’ कहते हुए दिख रही हैं और दावा कर रही हैं कि उन्होंने पाकिस्तानी नागरिक...
नेशनल डेस्क: गुरु पर्व के मौके पर पाकिस्तान गई पंजाब की 52 वर्षीय महिला सरबजीत कौर का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसने दोनों देशों में चिंता और हलचल पैदा कर दी है। वीडियो में वह खुद को ‘नूर’ कहते हुए दिख रही हैं और दावा कर रही हैं कि उन्होंने पाकिस्तानी नागरिक नासिर हुसैन से अपनी मर्जी से निकाह किया है। क्लिप में वह बताती हैं कि नासिर को वह पिछले 9 सालों से जानती हैं और अब दोनों की शादी पूर्ण सहमति से हुई है।
यह जानकारी सामने आने के बाद स्पष्ट हो गया कि सरबजीत कौर ने पाकिस्तान में धर्म परिवर्तन कर निकाह कर लिया है। सरबजीत पहले ही अपने पति से तलाकशुदा हैं और उनके दो बेटे हैं। एक दिन पहले ही उनका निकाहनामा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उनका नया नाम ‘नूर’ दर्ज था।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ी
सरबजीत कौर के इस कदम ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ा दी है। इसे केवल प्रशासनिक लापरवाही के तौर पर ही नहीं देखा जा रहा, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सवाल भी उठ रहे हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और दोनों देशों के रिश्ते
भारत-पाकिस्तान के रिश्ते पहले ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तनावपूर्ण हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने शुरुआत में सिख जत्थों को पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी थी। हालांकि धार्मिक संगठनों के दबाव के बाद यात्रा को मंजूरी दी गई। अब जब सरबजीत कौर का पाकिस्तान में विवाह हुआ है और वह वहीं रह गई हैं, तो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) इस मामले में दूरी बनाए हुए नजर आ रही है।
SGPC का बयान और जिम्मेदारी का बंटवारा
SGPC ने स्पष्ट किया कि वे सिर्फ श्रद्धालुओं की सूची सरकार को भेजते हैं। यात्रियों की पृष्ठभूमि जांच और स्क्रीनिंग सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी होती है। कमेटी के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गडगज की अगुवाई में 4 नवंबर को अटारी-वाघा बॉर्डर से जत्था पाकिस्तान गया था। SGPC के सचिव प्रताप सिंह ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उनका कहना है कि सरकारी सूची में सरबजीत कौर का नाम शामिल नहीं था, इसलिए यात्रा की अनुमति दी गई।
प्रताप सिंह ने आगे कहा कि यदि महिला पहले से ऑनलाइन संपर्क में थी या उसके इरादे संदिग्ध थे, तो सुरक्षा एजेंसियों को इसे रोकने के लिए समय रहते कार्रवाई करनी चाहिए थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए यात्रियों की स्क्रीनिंग और सख्त करने की जरूरत है।