Edited By rajesh kumar,Updated: 07 Aug, 2024 08:39 PM
विपक्षी दलों ने बुधवार को सरकार से आग्रह किया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को पेश किए जाने के बाद इस पर गौर करने के लिए इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए।
नेशनल डेस्क: विपक्षी दलों ने बुधवार को सरकार से आग्रह किया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को पेश किए जाने के बाद इस पर गौर करने के लिए इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए। दूसरी तरफ, सरकार ने कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में कहा कि वह सदन की भावना का आकलन करने के बाद इस पर फैसला करेगी। सरकार ने यह भी कहा कि वह बृहस्पतिवार को लोकसभा में पेश होने के बाद विधेयक पर चर्चा और इसे पारित कराने पर जोर नहीं देगी।
विधेयक का कुछ मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे
इस बात की प्रबल संभावना है कि सरकार इस विधेयक को संसदीय समिति के पास भेजने पर सहमत हो सकती है। इस विधेयक का कुछ मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि सरकार के एजेंडे का समर्थन करने वाले कुछ दलों ने भी प्रस्तावित कानून पर अपनी आपत्ति व्यक्त की है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने समिति की बैठक में कहा कि सरकार बृहस्पतिवार को इस बात पर विचार करेगी कि विधेयक को संसदीय जांच के लिए भेजा जाए या नहीं।
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई और तृणमूल कांग्रेस सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय उन विपक्षी सदस्यों में शामिल हैं, जिन्होंने विधेयक पेश होने के बाद इसे संसद की स्थायी समिति को भेजने की मांग की। संयोग से अभी लोकसभा की विभाग-संबंधित स्थायी समितियों का गठन नहीं हुआ है। यदि सरकार इस तरह की कार्रवाई पर निर्णय लेती है तो सदन विधेयक पर विचार के लिए स्थायी समिति की अनुपस्थिति में एक अलग समिति बना सकता है।
विधेयक को लोकसभा सदस्यों के बीच वितरित किया गया
वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से जुड़े विधेयक में वर्तमान अधिनियम में दूरगामी बदलावों का प्रस्ताव दिया गया है, जिसमें वक्फ निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना भी शामिल है। वक्फ (संशोधन) विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995' करने का भी प्रावधान है। विधेयक को पेश किए जाने से पहले मंगलवार रात लोकसभा सदस्यों के बीच वितरित किया गया।
विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के विवरण के अनुसार, विधेयक में यह तय करने की बोर्ड की शक्तियों से संबंधित मौजूदा कानून की धारा 40 को हटाने का प्रावधान है कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं। यह केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की व्यापक आधार वाली संरचना प्रदान करता है और ऐसे निकायों में मुस्लिम महिलाओं तथा गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है।