भारत का सबसे बड़ा शत्रु चीन, पाक से ज्यादा इस पर ध्यान दे सरकार: पवार

Edited By vasudha,Updated: 12 Jul, 2020 04:08 PM

pawar says india biggest enemy is china

चीन के साथ मौजूदा तनाव के बीच राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि भारत के लिए पाकिस्तान से बड़ा खतरा चीन है। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन की सैन्य ताकत भारत से 10 गुना अधिक है और उसने भारत के पड़ोसियों को अपनी ओर कर लिया है...

नेशनल डेस्क: चीन के साथ मौजूदा तनाव के बीच राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि भारत के लिए पाकिस्तान से बड़ा खतरा चीन है। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन की सैन्य ताकत भारत से 10 गुना अधिक है और उसने भारत के पड़ोसियों को अपनी ओर कर लिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र को वार्ता और राजनयिक माध्यमों से चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश करनी चाहिए।

 

आर्थिक रूप से मजबूत चीन
पवार ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि जब हम शत्रु के बारे में सोचते हैं, तो हमारे दिमाग में पहला नाम पाकिस्तान का आता है, लेकिन हमें पाकिस्तान की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। दीर्घकाल में देखा जाए, तो चीन के पास भारत के हितों के खिलाफ कदम उठाने की ताकत, सोच और कार्यक्रम है। चीन भारत के लिए बड़ा शत्रु है। उन्होंने कहा कि चीन भारत के लिए असल खतरा है जो आर्थिक रूप से मजबूत है।

 

पीएम मोदी पर साधा निशाना 
राकांपा प्रमुख ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उनसे हाथ मिलाने और उन्हें गले लगाने का जिक्र करते हुए कहा कि मित्रता की तस्वीरें खींचकर, आप दोनों देशों के बीच की समस्याएं नहीं सुलझा सकते। उन्होंने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी और भारतीय बलों के बीच टकराव पर कहा कि जब मैं यह कहता हूं कि इस मामले पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, तो ऐसा इसलिए है, क्योंकि हम उनपर हमला कर सकते हैं, लेकिन जब उस हमले की जवाबी कार्रवाई होगी, तो पूरे देश को भारी कीमत चुकानी होगी। हमला करने की जगह, हमें वार्ता और राजनयिक माध्यमों से चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना चाहिए।

 

पड़ोसी देश क्यों हो रहे भारत के खिलाफ 
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तब वह प्रार्थना करने के लिए नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर गए थे। मोदी ने नेपाल की प्रशंसा की थी और उसे भारत का मित्र एवं पहला हिंदू राष्ट्र बताया था। अब नेपाल हमारे साथ नहीं है, बल्कि चीन की ओर है। उन्होंने कहा कि भारत ने बांग्लादेश को आजाद कराने के लिए बढ़-चढ़कर योगदान दिया और अब पड़ोसी देश ने चीन के साथ एक संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। पवार ने मोदी सरकार का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा कि चीन ने हमारे सभी पड़ोसियों को अपनी ओर कर लिया है। यह हालिया दौर का योगदान है।

 

पवार ने मनमोहन सिंह के काम को सराहा 
पवार ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी को चीन और पाकिस्तान संबंधी मामलों से निपटने को लेकर हमेशा दोषी ठहराया जाता है लेकिन, नेहरू का मानना था कि चीन एक दिन महाशक्ति बनेगा और भारत को उससे मित्रवत संबंध बनाए रखने चाहिए क्योंकि यह तनाव दोनों देशों के लिए ही लाभकारी नहीं होगा। नेहरू ने चीन के साथ पंचशील संधि की और क्षेत्र में शांति थी। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात यह है कि चीनी नेतृत्व ने अलग रुख अपनाया और युद्ध हुआ। इस पहलू को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पवार ने भारतीय अर्थव्यस्था की मौजूदा स्थिति पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जैसे अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करना चाहिए। देश की अर्थव्यवस्था को एक समय संकट से उबारने का श्रेय मनमोहन सिंह और दिवंगत प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को दिया। 

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