Edited By Mansa Devi,Updated: 26 Nov, 2025 05:41 PM

नौकरीपेशा लोगों के लिए प्रोविडेंट फंड (PF) सिर्फ बचत नहीं बल्कि बुढ़ापे का भरोसेमंद सहारा है। लेकिन अक्सर KYC गड़बड़ियों, नाम सुधार, जन्मतिथि अपडेट या अन्य तकनीकी दिक्कतों के कारण कर्मचारियों को महीनों दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। अच्छी खबर यह...
नेशनल डेस्क: नौकरीपेशा लोगों के लिए प्रोविडेंट फंड सिर्फ बचत नहीं बल्कि बुढ़ापे का भरोसेमंद सहारा है। लेकिन अक्सर KYC गड़बड़ियों, नाम सुधार, जन्मतिथि अपडेट या अन्य तकनीकी दिक्कतों के कारण कर्मचारियों को महीनों दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। अच्छी खबर यह है कि अब EPFO खुद आपके पास आ रहा है।
देशभर में लगेगा ‘Nidhi Aapke Nikat 2.0’ कैंप
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 27 नवंबर 2025 को पूरे देश के सभी जिलों में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है। इसे ‘Nidhi Aapke Nikat 2.0’ नाम दिया गया है। यह सिर्फ सरकारी कैंप नहीं बल्कि शिकायतों का तुरंत समाधान देने वाला बड़ा अभियान है।
इस कैंप में PF सदस्य
पेंशनर्स और नियोक्ता (Employers) तीनों सीधे EPFO अधिकारियों से मिलकर अपनी समस्याएं हल कर सकेंगे। EPFO ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि जिन लोगों के PF या पेंशन से जुड़े कोई भी प्रश्न हैं, KYC की दिक्कत है, क्लेम अटका है या नाम-सुधार जैसी दिक्कतें हैं, वे सीधे कैंप में पहुंचें। यहां शिकायतें दर्ज होने के साथ-साथ EPFO की नई योजनाओं और सुविधाओं के बारे में जागरूकता भी फैलाई जाएगी।
पेंशन के नियम समझना क्यों जरूरी है?
PF खाते का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा ‘पेंशन’ (EPS) है। बहुत से लोग इसके नियमों को ठीक से नहीं जानते, जिससे बाद में समस्याएं खड़ी होती हैं।
➤ EPS पेंशन के महत्वपूर्ण नियम:
➤ कम से कम 10 साल नौकरी में योगदान जरूरी
➤ तभी पेंशन का अधिकार मिलता है।
➤ पेंशन 58 साल की उम्र के बाद मिलती है
➤ जरूरत पड़ने पर 50 साल के बाद भी पेंशन ली जा सकती है,
➤ लेकिन इसे अर्ली पेंशन माना जाएगा और राशि में कटौती हो जाएगी।
बेरोजगारी पर EPS निकालने का नया नियम
पहले यदि कोई व्यक्ति नौकरी छोड़ देता था और बेरोजगार हो जाता था, तो वह 2 महीने बाद EPS पेंशन की रकम निकाल सकता था। लेकिन अब नियम बदल दिए गए हैं
नया नियम क्या कहता है?
➤ अब पेंशन की निकासी के लिए 36 महीने (3 साल) इंतजार करना होगा।
➤ सरकार का तर्क है कि इससे कर्मचारियों की लॉन्ग-टर्म सिक्योरिटी मजबूत होगी।
➤ यानी बिना सोचे-समझे पेंशन का पैसा बीच में खर्च न हो, ताकि बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा बनी रहे।