Edited By Yaspal,Updated: 05 Sep, 2024 07:23 PM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंगापुर के कारोबारी दिग्गजों से भारतीय विमानन क्षेत्र में निवेश का आह्वान करते हुए कहा कि बढ़ते घरेलू हवाई यातायात को देखते हुए भारत में 100 से अधिक नए हवाई अड्डों और अधिक विमानन कंपनियों की जरूरत होगी
सिंगापुरः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंगापुर के कारोबारी दिग्गजों से भारतीय विमानन क्षेत्र में निवेश का आह्वान करते हुए कहा कि बढ़ते घरेलू हवाई यातायात को देखते हुए भारत में 100 से अधिक नए हवाई अड्डों और अधिक विमानन कंपनियों की जरूरत होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर की अपनी यात्रा के दौरान यहां कई दिग्गज कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ बैठक के दौरान उन्हें विमानन के अलावा ऊर्जा और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में निवेश के अवसर तलाशने के लिए आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री ने सिंगापुर के कारोबारी दिग्गजों के साथ गोलमेज बैठक में कहा कि भारत के विमानन क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर दुनिया में कोई सबसे तेजी से बढ़ता विमानन बाजार है तो वह भारत में है। पूरा आसमान ही खुला है।'' उन्होंने कहा कि भारत को बढ़ते घरेलू हवाई यातायात की मांग को पूरा करने के लिए 100 से अधिक नए हवाई अड्डों और अधिक विमानन कंपनियों की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि भारत में पुराने वाहनों को कबाड़ में तब्दील करने का स्क्रैपिंग कारोबार भी भारी निवेश के अवसर पेश करता है। उन्होंने कहा कि सभी पुराने सरकारी वाहनों को कबाड़ घोषित करने की योजना है। उन्होंने निवेश कोष, बुनियादी ढांचे, विनिर्माण, ऊर्जा, टिकाऊ विकास और लॉजिस्टिक क्षेत्रों की कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों से कहा कि भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस गोलमेज बैठक में लिम बून हेंग (चेयरमैन, टेमासेक होल्डिंग्स), लिम चो किआट (सीईओ, जीआईसी प्राइवेट लिमिटेड), गोह चून फोंग (सीईओ, सिंगापुर एयरलाइंस), याम कुम वेंग (सीईओ, चांगी एयरपोर्ट ग्रुप), युएन कुआन मून (सीईओ, सिंगटेल) और पीयूष गुप्ता (सीईओ एवं निदेशक, डीबीएस ग्रुप) शामिल थे। सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री गन किम योंग और गृह एवं कानून मंत्री के षणमुगम ने भी इस बैठक में शिरकत की। उन्होंने भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने में सिंगापुर के कारोबारी दिग्गजों की भूमिका की सराहना की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने आर्थिक सहयोग को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए सिंगापुर में 'इन्वेस्ट इंडिया' कार्यालय की स्थापना की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि भारत-सिंगापुर संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदलने से द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पिछले 10 साल में परिवर्तनकारी प्रगति की है और यह राजनीतिक स्थिरता, नीतिगत अनुमेयता, कारोबारी सुगमता और अपने सुधारोन्मुख आर्थिक एजेंडा के दम पर आगे भी उसी राह पर अग्रसर रहेगा। उन्होंने भारत की प्रभावशाली वृद्धि गाथा, इसकी कुशल प्रतिभाओं और विस्तृत बाजार अवसरों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत वैश्विक आर्थिक वृद्धि में 17 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। उन्होंने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, भारत सेमीकंडक्टर मिशन और 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना जैसे कार्यक्रमों के जरिये वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत की भागीदारी बढ़ाने की विभिन्न पहल का उल्लेख किया।
नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर की कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से कौशल विकास के क्षेत्र में भारत में उपलब्ध अवसरों पर गौर करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं की तलाश कर रहे व्यवसायों के लिए भारत सबसे अच्छा विकल्प है। मोदी ने भरोसा दिलाया कि उनके तीसरे कार्यकाल में बुनियादी ढांचे के विकास की रफ्तार और पैमाना बढ़ेगा। उन्होंने रेलवे, सड़क, बंदरगाह, नागर विमानन, औद्योगिक पार्क और डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में मौजूद नए अवसरों से भी अवगत कराया।