Edited By Anu Malhotra,Updated: 17 Sep, 2025 02:21 PM

अगर आप और आपकी पत्नी मिलकर पोस्ट ऑफिस की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) में ₹30 लाख का निवेश करते हैं, तो हर तीन महीने आपके खाते में लगभग ₹61,500 ब्याज के रूप में आएंगे। यह योजना बुजुर्गों के लिए एक भरोसेमंद निवेश विकल्प है, जो सालाना 8.2% की ब्याज...
नेशनल डेस्क: अगर आप और आपकी पत्नी मिलकर पोस्ट ऑफिस की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) में ₹30 लाख का निवेश करते हैं, तो हर तीन महीने आपके खाते में लगभग ₹61,500 ब्याज के रूप में आएंगे। यह योजना बुजुर्गों के लिए एक भरोसेमंद निवेश विकल्प है, जो सालाना 8.2% की ब्याज दर पर पैसे को सुरक्षित रखते हुए नियमित आय भी देती है। इस योजना में निवेश पर टैक्स छूट भी मिलती है, साथ ही 5 साल बाद आपका पूरा मूलधन भी वापस मिलता है।
एकमुश्त निवेश, नियमित ब्याज की सुविधा
इस योजना में निवेशक को केवल एक बार पैसे जमा करने होते हैं, जिसके बदले हर तीन महीने पर ब्याज की रकम मिलती रहती है। निवेश की न्यूनतम सीमा 1,000 रुपये है, जबकि अधिकतम सीमा 30 लाख रुपए तक हो सकती है। खास बात यह है कि इस निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट भी मिलती है, हालांकि ब्याज आय कर योग्य है।
तिमाही आधार पर ब्याज भुगतान
SCSS में मिलने वाला ब्याज हर तिमाही 31 मार्च, 30 जून, 30 सितंबर और 31 दिसंबर को सीधे आपके खाते में जमा होता है। अगर आप ब्याज की रकम को पुनः निवेश नहीं करते, तो ब्याज पर कोई अतिरिक्त रिटर्न नहीं मिलता। इसके अलावा, आप चाहें तो इस ब्याज को अपने डाकघर बचत खाते में ऑटो-क्रेडिट के रूप में भी प्राप्त कर सकते हैं।
कौन कर सकता है इस योजना में निवेश?
इस योजना का लाभ केवल 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नागरिक उठा सकते हैं। हालांकि, VRS लेकर सेवानिवृत्त हुए सिविल व रक्षा क्षेत्र के कर्मचारी भी इसमें शामिल हो सकते हैं। सिविल कर्मचारियों के लिए आयु सीमा 55 से 60 वर्ष के बीच है और रक्षा क्षेत्र के लिए यह 50 से 60 वर्ष के बीच निर्धारित है। इस खाते को पति-पत्नी मिलकर भी खोल सकते हैं, जिससे संयुक्त निवेश की संभावना भी खुलती है।
अवधि और निकासी के नियम
SCSS खाते की अवधि 5 वर्ष की होती है, जिसे निवेशक अपनी मर्जी से अधिकतम 3 वर्ष तक बढ़ा सकता है। अवधि बढ़ाने के लिए डाकघर में संबंधित फॉर्म जमा करना आवश्यक है। योजना की समाप्ति पर मूलधन के साथ-साथ पूरा ब्याज भी मिलता है।
समय से पहले खाते की बंदी पर जुर्माना
यदि कोई भी निवेशक योजना की अवधि से पहले खाते को बंद करता है, तो ब्याज भुगतान पर प्रतिबंध लागू होता है। 1 वर्ष से पहले बंद करने पर कोई ब्याज नहीं मिलता, और जमा राशि से ब्याज की राशि काट ली जाती है। 1 से 2 वर्षों के बीच बंदी पर मूलधन से 1.5% कटौती होती है, जबकि 2 से 5 वर्षों के बीच बंदी पर 1% कटौती की जाती है। यदि आपने योजना अवधि बढ़ा रखी है, तो किसी भी समय खाते को बंद किया जा सकता है, बिना किसी कटौती के।
निवेश पर ब्याज का उदाहरण
मान लीजिए आप अपनी पत्नी के साथ मिलकर 30 लाख रुपए का संयुक्त निवेश करते हैं, तो हर तीन महीने आपको लगभग 61,500 रुपये ब्याज के रूप में मिलेंगे। 5 वर्षों में आपका कुल ब्याज आय 12,30,000 रुपए होगी, जिसके साथ आपके जमा किए हुए मूलधन की राशि भी परिपक्वता पर वापस मिल जाएगी।