Edited By Rohini Oberoi,Updated: 24 Sep, 2025 03:58 PM

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर बुधवार को लेह में जमकर हंगामा हुआ। सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में सैकड़ों छात्र सड़कों पर उतर आए और इस दौरान उनकी पुलिस के साथ हिंसक झड़प...
नेशनल डेस्क। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर बुधवार को लेह में जमकर हंगामा हुआ। सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में सैकड़ों छात्र सड़कों पर उतर आए और इस दौरान उनकी पुलिस के साथ हिंसक झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय में आग लगा दी और सीआरपीएफ (CRPF) के एक वाहन को भी फूंक दिया।
क्यों भड़की हिंसा?
लद्दाख के लोग लंबे समय से अपनी जमीन, संस्कृति और संसाधनों की सुरक्षा के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक संरक्षण की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर सरकार द्वारा कोई ठोस कदम न उठाए जाने से लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। इसी गुस्से के चलते सैकड़ों छात्र लेह की सड़कों पर उतर आए और उन्होंने विरोध-प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने लेह स्थित बीजेपी कार्यालय पर हमला किया और उसमें आग लगा दी। उन्होंने पुलिस पर पत्थर भी फेंके जिसके जवाब में पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा। लद्दाख में इस तरह की हिंसा की यह पहली घटना है।
सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल
बता दें कि पिछले दो हफ्तों से सोनम वांगचुक अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार को लद्दाख के लोगों की मांगों पर ध्यान देना चाहिए। यह आंदोलन तब और तेज हो गया जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था।
हिंसा के बाद अब केंद्र सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 6 अक्टूबर को लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने के लिए एक बैठक बुलाई है जिसमें उनकी मांगों पर चर्चा की जाएगी।